- 25/07/2022
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद मुर्मू ने कही ऐसी बात कि….
द तथ्य डेस्क। संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आज सुबह देश के जीफ जस्टिस एनवी रमना ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी हैं। इस अवसर पर उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि वे जिस जगह से आती हैं, वहां प्रारंभिक शिक्षा भी सपनो के जैसा होता है।
अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि मेरी उपस्थिति भारतीयों की आशाओं और अधिकारों का प्रतीक है। मैं सभी का आभार व्यक्त करती हूं आपके विश्वास और समर्थन से मुझे नई जिम्मेदारी संभालने की शक्ति मिल रही है।
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महामहिम ने कही ये बात-मैं पहली ऐसी राष्ट्रपति हूं जो आजाद भारत में जन्मी। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने भारतीयों से जो उम्मीदें लगाई थीं, उन्हें पूरा करने का मैं पूरा प्रयास करूंगी। राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना मेरी निजी उपलब्धि नहीं है यह देश के सभी गरीबों की उपलब्धि है। मेरा नॉमिनेशन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकता है, बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकता है।
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शपथ ग्रहण के पूर्व वे राष्ट्रपति भवन पहुंची थी यहां उन्होंने रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी से मुलाकात की। दोनों ने मुर्मू को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी। राष्ट्रपति भवन के लिए निकलने से पहले राजघाट पहुंची और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मुर्मू के मेहमानों में उनके भाई तरणीसेन टुडू और भाभी सुकरी टुडू उपरबेड़ा गांव से दिल्ली पहुंचे थे। इसके अलावा बेटी इतिश्री, दामाद, उनकी दोनों नातिन। इसके अलावा उनके खास मेहमानों में उनकी दोस्त धानकी मुर्मू। धानकी भुवनेश्वर में उनके साथ कॉलेज में पढ़ती थीं। द्रौपदी की यह दोस्त उनके हर दुख-सुख में साथ रहती आई है।
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