• 18/01/2023

बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने नागपुर विवाद पर खुलकर की बात, अंधश्रद्धा उन्मूलन वालों की चुनौती की स्वीकार, बोले- रायपुर दरबार में आएं टिकट का खर्चा मैं दूंगा

बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने नागपुर विवाद पर खुलकर की बात, अंधश्रद्धा उन्मूलन वालों की चुनौती की स्वीकार, बोले- रायपुर दरबार में आएं टिकट का खर्चा मैं दूंगा

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नागपुर विवाद से सुर्खियों में आए बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने अंधश्रद्धा उन्मूलन द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार कर ली है। उन्होंने चुनौती देने वाले नागपुर के श्याम को कहा है कि मैं उनकी चुनौती को स्वीकार करता हूं, वे रायपुर आएं। मैं उनके टिकट का खर्च भी दूंगा। उऩ्होंने कहा कि उनका कार्यक्रम पूर्व से निर्धारित रहता है। धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने चुनौती पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैं नागपुर में 7 दिन तक रहा। उस वक्त वो क्यों नहीं आए। दिव्य दरबार में भी वे क्यों नहीं आए। ये सनातन धर्म को टारगेट करने की सोची समझी साजिश है।

पूर्व निर्धारित था कार्यक्रम

पं धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हैं। यहां 17 से लेकर 23 जनवरी तक रामकथा का आयोजन किया गया है। आज मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने हर सवालों का जवाब दिया। नागपुर विवाद को लेकर भी उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उनका कार्यक्रम पूर्व निर्धारित रहता है। उनके सोशल मीडिया के ऑफिशियल पेज में भी तारीख पहले से बता दी जाती है। नागपुर का कार्यक्रम भी पूर्व निर्धारित था।

कोई भी व्यक्ति क्यों नहीं आया चुनौती देने

उन्होंने कहा कि हम दो दिन का दिव्य दरबार लगाए तब वो क्यों नहीं आए। हम 7 दिन की कथा किए, एक भी व्यक्ति को चुनौती की बात कहकर या लेटर देकर क्यों नहीं भेजा, या कोई जानकारी नहीं भेजी। इसका मतलब वो भगौड़ा है, वे छोटी मानसिकता के लोग हैं।

अनुच्छेद 25 ने अधिकार दिया

उन्होंने कहा कि हमारे बागेश्वर बालाजी के दरबार में न बुलावा है, न दावा है, फिर बवाल क्यों? हम किसी को बुलाते नहीं कि आप आओ, किसी को प्रेशर नहीं देते हैं। सनातन का प्रचार करना अऩुच्छेद 25 के अंतर्गत धार्मिक मौलिक अधिकार है प्रत्येक व्यक्ति का। हम अनुच्छेद 25 के तहत अपने इष्ट का प्रचार करते हैं। हमारा कोई दावा नहीं है कि हम कोई समस्या मिटा देंगे लेकिन हमको हमारे इष्ट पर विश्वास है, हमारे इष्ट हनुमान जी मिटा देंगे। हम दक्षिणा ही नहीं लेते, एक रुपया नहीं लेते तो अंधविश्वास कैसे फैला रहे।

हनुमान जी को मानना, हनुमान चालिसा का उपाय बताना क्या भारत में अंधश्रद्धा है। तो फिर हमारे ऊपर एफआईआर किस उद्देश्य से करेंगे। हुनमान जी की पूजा करना अगर अंधश्रद्धा है तो भारत में जितने भी हनुमान भक्त हैं सब एफआईआर होना चाहिए।

सनातन धर्म को टारगेट करने की साजिश

आज हनुमान जी के दरबार को अंधविश्वास कह देंगे। कल हमारे कलावा को अंधविश्वास कह देंगे, परसों हमारे माता-पिता को मानने के लिए अंधविश्वास कह दोगे। यह सोची समझी साजिश है सनातन धर्म को टारगेट करने की। हम हिन्दुओं को जगना होगा।

ये है पूरा विवाद

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री देशभर में श्रीराम कथा के साथ अपना दिव्य चमत्कारी दरबार लगाते हैं। नागपुर में भी राम चरित्र चर्चा का आयोजन किया गया था। जहां अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर जादू-टोने और अंधश्रद्धा फैलाने का आरोप लगाया था। समिति के अध्यक्ष श्याम मानव का आरोप था कि दिव्य दरबार और प्रेत दरबार की आड़ में जादू-टोना को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही देव-धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा है। इसके साथ ही समिति ने पुलिस से धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर एफआईआर दर्ज  करने की मांग की थी।