• 23/11/2022

BREAKING : IAS समीर विश्नोई और सूर्यकांत तिवारी सहित 4 आरोपियों को कोर्ट से कोई राहत नहीं, इस तारीख तक बढ़ी न्यायिक रिमांड

BREAKING : IAS समीर विश्नोई और सूर्यकांत तिवारी सहित 4 आरोपियों को कोर्ट से कोई राहत नहीं, इस तारीख तक बढ़ी न्यायिक रिमांड

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कोल घाटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद IAS समीर विश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल को आज भी राहत नहीं मिली है। न्यायालय ने एक बार फिर चारों आरोपियों की रिमांड अवधि बढ़ा दी है। चारों आरियों को अब 6 दिसंबर तक जेल में रहना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने सुनील अग्रवाल की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है।

आपको बता दें ED की टीम ने छत्तीसगढ़ में 11 अक्टूबर को सूर्यकांत तिवारी, उनके रिश्तेदारों, IAS अफसरों समीर विश्नोई, जेपी मौर्य, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू सहित अन्य कारोबारियों के ठिकानों पर छापामारी की थी। ईडी ने IAS समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और सूर्यकांत तिवारी के रिश्तेदार लक्ष्मीकांत तिवारी को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया। ईडी ने आरोपियों के पास से 6.5 करोड़ से ज्यादा नगदी, सोना और हीरा इत्यादि मिलने का खुलासा किया था।

ईडी के पहुंचने से पहले लापता

इससे पहले की ईडी की टीम प्रदेश में कार्रवाई करती उसके पहुंचने की भनक एक दिन पहले ही लग गई थी। मीडिया से लेकर अधिकारियों के बीच इसे लेकर चर्चे शुरु हो गए थे। 11 अक्टूबर को ईडी की टीम के पहुंचने से पहले ही सूर्यकांत तिवारी फरार हो गया था। उसके अलावा एक और आईएएस अफसर रानू साहू अपने सरकारी आवास से गायब मिली थी। ईडी ने उनके आवास को सील कर दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने भी सरेंडर कर दिया था।

छत्तीसगढ़ में बड़े कोल घोटाले का खुलासा

ईडी ने छत्तीसगढ़ में बड़े कोल घोटाले का खुलासा किया था। ईडी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि कोयला कारोबारियों, राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों और दलालों ने एक कार्टेल बनाकर पूरे घोटाले को अंजाम दिया। जिसका सरगना सूर्यकांत तिवारी है। जिसके माध्यम से कोयले में प्रति टन 25 रुपये की लेव्ही (अवैध वसूली) की जा रही थी। ईडी ने इस पूरे मामले में राज्य के कई अधिकारियों की भूमिकाओं पर सवाल उठाया है। वहीं इस मामले में कई बड़े अधिकारी ईडी की जांच के दायरे में हैं।