• 28/07/2022

मंकीपॉक्स से बचने केन्द्र ने जारी किया गाइडलाइंस, दिए ये निर्देश…

मंकीपॉक्स से बचने केन्द्र ने जारी किया गाइडलाइंस, दिए ये निर्देश…

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द तथ्य डेस्क। विश्व के कई देशों में तेज से फैला रहा मंकीपॉक्स अब भारत में भी अपना पैर पसारने लगा है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार व स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए जरूरी गाइडलाईसं जारी कर दिया है। इसमें पीड़ित मरीज को 21 दिन के आइसोलेशन के साथ ही घाव को ढंक कर रखने और त्रिस्तरीय मॉस्क पहने कहा गया है। वहीं सरकार ने अब इसके लिए टेस्टिंग किट और वैक्सीन तैयार करने के लिए टेंडर भी जारी किया है।
कोरोना की तरह अब मंकीपॉक्स का खतरा भी काफी बढ़ गया है। केरल में एक के बाद एक करते हुए अब तक 3 मरीज सामने आ चुके हैं, वहीं एक केस दिल्ली में सामने आ चुका है। इस तरह देश में अब तक मंकीपॉक्स के 4 प्रकरण सामने आ चुके हैं। सभी से सैंपल लेकर जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेज दिया गया है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया गाइडलाइन :
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस गंभीर संक्रामक बीमारी से बचने के लिए गाइड लाइंस जारी कर दिया है। इसके अनुसार मंकीपॉक्स संक्रमित रोगी को 21 दिन तक क्वारैंटाइन रहना होगा।
चेहरे पर मास्क पहनने के साथ-साथ हाथों को धोते रहें। मास्क तीन लेयर वाला पहनना चाहिए।
घावों को पूरी तरह से ढककर रखें। पूरी तरह से ठीक होने तक अस्पताल में रहना होगा।
अस्पताल के वार्ड में भर्ती संक्रमित रोगी या फिर संदिग्ध रोगी की किसी भी दूषित चीजों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को तब तक ड्यूटी से बाहर नहीं करना है, जब तक उनमें कोई लक्षण विकसित न हो। हालांकि, ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारियों की 21 दिन तक निगरानी बहुत जरूरी है।

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मंकीपॉक्स मरीज के संपर्क में आने, उससे शारीरिक संपर्क बनाने या फिर उसके आसपास दूषित चीजों जैसे कपड़े, बिस्तर आदि के संपर्क में आने पर संक्रमण फैल सकता है। इससे बचना बहुत जरूरी है।
वैक्सीन कंपनियों को जांच किट बनाने कहा :
मंकीपॉक्स के गंभीर परिणाम को देखते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में वैक्सीन निर्माता कंपनियों से इस बीमारी के लिए जांच किट बनाने तथा वैक्सीन तैयार करने कहा है। सरकार की ओर से कहा गया है कि वो सबसे पहले मंकीपॉक्स के लिए डाइग्नोस्टिक किट्स तैयार करें, ताकि इस रोग की पहचान जल्द और सटीक हो सके। इसके साथ ही बीमारी से निपटने के लिए वैक्सीन भी तैयार करना जरूरी है। इस पर भी तेजी से काम किया जाए। इसके लिए आईसीएमआर ने कंपनियों से प्रस्ताव भी मांगा है।

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