• 17/09/2022

ED ने रायपुर की विशेष अदालत में दी अर्जी, इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई रोकने की मांग की, 19 को आ सकता है दोनों IAS की रिमांड पर SC का फैसला

ED ने रायपुर की विशेष अदालत में दी अर्जी, इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई रोकने की मांग की, 19 को आ सकता है दोनों IAS की रिमांड पर SC का फैसला

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छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करने के बाद अब ईडी ने रायपुर की विशेष अदालत में आवेदन देकर मामले की सुनवाई रोकने की मांग की है।

नान घोटाला मामले में तत्कालीन खाद्य सचिव डॉ आलोक शुक्ला, एमडी अनिल टुटेजा, महाप्रबंधक शिवशंकर भट्ट सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ रायपुर की विशेष अदालत में सुनवाई चल रही है। ईडी के अधिवक्ता ने 15 सितंबर को कोर्ट में आवेदन पेश कर सुनवाई रोकने की मांग की है। आवेदन में कहा गया है कि इसी से जुड़ा हुआ मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है। जिसमें 19 सितंबर को सुनवाई होनी है। जब तक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक रायपुर की विशेष अदालत में सुनवाई रोक दिया जाए। अब इस मामले में रायपुर की विशेष अदालत 24 सितंबर को सुनवाई करेगी।

ये है मामला

आपको बता दें साल 2015 में नागरिक आपूर्ति निगम में 36 हजार करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था। ईओडब्ल्यू (EOW) और एसीबी (ACB) ने 12 फरवरी साल 2015 को 28 जगहों पर छापामार कार्रवाई की थी। यह छापा  मार कार्रवाई नान के अधिकारियों और कर्मचारियों के ठिकाने पर की गई थी। इस कार्रवाई में करोड़ों रुपये नगद बरामद किए गए थे। इसके साथ ही भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज, डायरी और हार्ड डिस्क बरामद किया गया था। इस पूरे मामले में तत्कालीन महाप्रबंधक शिवशंकर भट्ट, नान के एमडी अनिल टुटेजा और खाद्य सचिव डॉ आलोक शुक्ला को भी आरोपी बनाया गया था।

ऐसे हुई ED की एंट्री

इस पूरे मामले में ईडी (ED) की एंट्री तब हुई थी, जब आयकर विभाग द्वारा राज्य के अफसरों, कोरोबारियों और ठेकेदारों के यहां छापामार कार्रवाई की गई थी। इस कार्रवाई में आयकर विभाग ने बड़ी मात्रा में कैश के साथ ही कई दस्तावेज और वाट्सअप चैट भी बरामद किया था। इसी चैट के आधार पर इस पूरे मामले में ईडी की एंट्री हुई थी।

ईडी ने जनवरी 2019 में नान घोटाला में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर तत्कालीन नान के एमडी अनिल टुटेजा और खाद्य सचिव डॉ आलोक शुक्ला को भी आरोपी बनाया। दो महीने बाद ईडी ने नोटिस जारी कर दोनों आरोपियों से दिल्ली में तीन दिन तक पूछताछ की थी। जिसके बाद गिरफ्तारी की आशंका से दोनों IAS अधिकारियों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। दोनों अधिकारियों को राहत देते हुए हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी थी।

गिरफ्तारी पर होगा फैसला!

मामले में ईडी ने दोनों अधिकारी शुक्ला और टुटेजा से पूछताछ के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दोनों की रिमांड मांगी है। इसके साथ ही ईडी ने केस को छत्तीसगढ़ से बाहर ट्रांसफर किए जाने की भी मांग सर्वोच्च न्यायालय से की है। इस मामले में दोनों अधिकारियों के ऊपर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। सर्वोच्च न्यायालय 19 सितंबर को इस पर सुनवाई करेगा।

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