• 18/04/2024

HC: छात्रा की याचिका पर रामनवमी की छुट्टी के दिन खुला हाईकोर्ट, मिली बड़ी राहत, ये है मामला

HC: छात्रा की याचिका पर रामनवमी की छुट्टी के दिन खुला हाईकोर्ट, मिली बड़ी राहत, ये है मामला

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रामनवमी के अवसर पर छुट्टी के दिन छत्तीसगढ़ का बिलासपुर हाईकोर्ट खुला और एक विशेष मामले की सुनवाई हुई। हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की एक छात्रा की याचिका पर बुधवार को डिविजन बेंच में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने छात्रा को विश्वविद्यालय प्रबंधन के समक्ष फिर से आवेदन का करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति को छात्रा के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेने के लिए कहा।

दरअसल दिल्ली की रहने वाली वरशुन भान मिस्किन हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर में की छात्रा है। वह लॉ अंतिम सेमेस्टर में हैं। पिछले साल 2 मई 2023 को लॉ ऑफ एविडेंस की परीक्षा के दौरान छात्रा को नकल करते हुए पकड़ा गया था। छात्रा को 18 मई 2023 को जांच कमेटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया था। मामले में जांच कमेटी ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए न सिर्फ नकल करने वाले विषय की परीक्षा रद्द कर दी था बल्कि छात्रा पर एक साल तक परीक्षा में शामिल होने पर प्रतिबंध भी लगा दिया था।

जांच कमेटी के फैसले के बाद छात्रा ने परीक्षा नियंत्रक और कुलपति से मामले में राहत देने की अपील की। लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन ने छात्रा को किसी भी तरह की राहत नहीं दी। विश्वविद्यालय प्रबंधन से राहत नहीं मिलने पर छात्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए 16 अप्रैल को छात्रा की याचिका को खारिज कर दिया था। छात्रा ने सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए डिविजन बेंच में अपील की।

तो इस वजह से छुट्टी के दिन खुला कोर्ट

हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं 18 अप्रैल गुरुवार से शुरू हो रही है। छात्रा के भविष्य को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने अवकाश के दिन कोर्ट खोलने और मामले की सुनवाई के निर्देश दिए। जिसके बाद रामनवमी की छुट्टी के दिन हाईकोर्ट खुला और जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिविजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई।

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने छात्रा को विश्वविद्यालय प्रबंधन के समक्ष फिर से आवेदन का करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने छात्रा के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति को सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेने के लिए कहा।