• 04/03/2024

सांसद-विधायकों को घूसखोरी की छूट नहीं, वोट के बदले नोट मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सांसद-विधायकों को घूसखोरी की छूट नहीं, वोट के बदले नोट मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

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सुप्रीम कोर्ट ने वोट के बदले नोट मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। शीर्ष कोर्ट ने सांसद-विधायकों को किसी भी तरह की छूट देने से इंकार कर दिया है। शीर्ष कोर्ट ने अपनी ही कोर्ट के साल 1998 के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें 5 जजों की संविधान पीठ ने 3ः2 के बहुमत से फैसला सुनाया था कि इस मुद्दे को लेकर जन प्रतिनिधियों पर कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को पलटने से अब सांसद या विधायक सदन में मतदान के लिए रिश्वत लेकर मुकदमे की कार्रवाई से बच नहीं सकते।

सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संवैधानिक पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि सांसदों और विधायकों को छूट नहीं दी जा सकती क्योंकि यह विशेषाधिकार के तहत नहीं आता। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि घूस लेने वाले ने घूस देने वाले के मुताबिक वोट दिया है या नहीं। विषेधाधिकार सदन के साझा कामकाज से जुड़े विषय के लिए है। वोट के लिए रिश्वत लेना विधायी काम का हिस्सा नहीं है।

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CJI ने कहा, “अनुच्छेद 105 के तहत रिश्वतखोरी को छूट नहीं दी गई है, क्योंकि अपराध करने वाले सदस्य वोट डालने से संबंधित नहीं हैं। नरसिम्हा राव के मामले व्याख्या भारतीय संविधान के अनुच्छेद 105(2) और 194 के विपरीत है। इसलिए हमने पी नरसिम्हा राव मामले में फैसले को खारिज कर दिया है।”

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