• 16/09/2022

PM मोदी ने SCO Summit को हिन्दी में किया संबोधित, यहां पढ़िए उनके भाषण की बड़ी बातें…

PM मोदी ने SCO Summit को हिन्दी में किया संबोधित, यहां पढ़िए उनके भाषण की बड़ी बातें…

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन में शिरकत की. इस दौरान उनके साथ उजबेकिस्तान, चीन, रूस, ईरान व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी मौजूद रहे. पीएम मोदी ने बैठक के बाद हिंदी में सभी राष्ट्राध्यक्षों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ने लोक केंद्रित विकास के लिए प्रौद्योगिकी आधारित नवान्वेषण एवं स्टार्ट अप्स के अनुभव तथा पारंपरिक औषधियाें एवं चिकित्सा पद्धतियों को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के साथ साझा करने के लिए दो विशेष कार्य समूह बनाने का प्रस्ताव किया है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को यहां एससीओ के सदस्य देशों के राष्ट्रध्यक्षों के 22वें सम्मेलन में यह प्रस्ताव दिया. मोदी ने सम्मेलन के प्रमुख सत्र को संबोधित करते हुए खाद्य सुरक्षा के बारे में चर्चा की. साथ ही टिकाऊ एवं भरोसेमंद आपूर्ति श्रृंखला बनाने की भी आवश्यकता दोहराई और इसके लिए कनेक्टिविटी मजबूत करने एवं पारगमन का अधिकार देने पर भी बल दिया.

पीएम मोदी ने कहा कि SCO के सदस्य देश, वैश्विक गिनती में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्व की 40 प्रतिशत जनता भी SCO देशों में निवास करती है. भारत SCO सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है.

मोदी ने कहा कि हम प्रति क्षेत्र में नवाचार का समर्थन कर रहे हैं. आज भारत में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं जिनमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं. उन्होंने कहा कि हम भारत को एक विनिर्माण हब बनाने पर प्रगति कर रहे हैं. इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5% वृद्धि की आशा है जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी. हम जन-केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

पीए मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि हम स्टार्टअप्स और इनोवेशन पर एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके SCO के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अप्रैल 2022 में गुजरात में WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया गया. पारंपरिक चिकित्सा के लिए ये WHO का पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र होगा. SCO देशों के बीच पारंपरिक औषधि पर सहयोग बढ़ाना चाहिए. इसके लिए भारत पारंपरिक औषधि पर नए SCO वर्किंग ग्रुप पर पहल लेगा.

आज जब पूरा विश्व महामारी के बाद आर्थिक रिकवरी की चुनौतियों का सामना कर रहा है, एससीओ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. एससीओ के सदस्य देश वैश्विक जीडीपी में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं, और विश्व की 40 प्रतिशत जनसंख्या भी एससीओ देशों में निवास करती है.

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