• 28/08/2022

ट्विन टावर को गिराने की ये थी वजह, अलग-अलग VIDEO में देखिए कुतुब मीनार से ऊंची बिल्डिंग कैसे ढही

ट्विन टावर को गिराने की ये थी वजह, अलग-अलग VIDEO में देखिए कुतुब मीनार से ऊंची बिल्डिंग कैसे ढही

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नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित ट्विन टावर जमींदोज हो गया है। 3700 किलो विस्फोटक ने  40 मंजिला इमारत को पत्ते की तरह ढहा दिया। दोपहर ठीक ढाई बजे निर्धारित समय पर इमारत को ढहाने की प्रक्रिया शुरु हुई और 9 सेंकड में धूल के गुबार के साथ ही इमारत ढह गई। आधा किलोमीटर के दायरे तक धूल-ही धूल भर गई। जमींदोज हुए  दोनों टावर का मलबा 40-50 फीट तक फैला हुआ है। मलबे की ही कीमत 15 करोड़ रुपये बताई जा रही है। कोर्ट ने ट्विन टावर को गिराने का आदेश क्यों दिया ? यह जानने से पहले ट्विन टावर किस तरह जमींदोज हुआ। अलग-अलग ऐंगल से लिए गए वो वीडियो देखते हैं।

ब्लास्ट से पहले ऐहतियातन प्रशासन ने कई कदम उठाए थे। सबसे पहले ट्विन टावर के पास की दो सोसाइटियों में गैस और बिजली की सप्लाई बंद कर दी गई थी। 15 मिनट पहले एक्सप्रेस वे को बंद कर दिया था। इसके साथ ही 6 अस्पतालों को स्टैंडबाई पर रखा गया था।

क्यो गिराए गए ट्विन टावर

साल 2004 में नोएडा अथॉरिटी ने हाउसिंग सोसाइटी बनाने के लिए सुपरटेक को प्लॉट अलॉट किया था। बिल्डिंग प्लान के मुताबिक 10 फ्लोर के 14 टावर बनाए जाने थे लेकिन साल 2006 में सुपरटेक ने प्लान में बदलाव कर 11 मंजिल के 15 टावर बना दिया। 2009 में फिर प्लान में  बदलाव कर 24 मंजिल के दो और टावर शामिल कर लिए गए। जिसे 2012 में बढ़ाकर 40 मंजिल कर दिया गया। ये दोनों टावर अवैध रुप से गार्डन की जमीन पर बनाए गए थे। सुपरटेक ने यह पूरा खेल नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के साथ मिलकर अंजाम दिया। इस पर रोक लगने तक 633 फ्लैट बुक हो चुके थे।

इस अवैध निर्माण के खिलाफ वहां के रहवासियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने साल 2014 को ट्विन टावर को अवैध घोषित कर दिया। कोर्ट ने फ्लैट बुक कराने वाले लोगों का पैसा 14 प्रतिशत ब्याज के साथ सुपरटेक को लौटाने का आदेश दिया।

हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुपरटेक को दोषी पाया और 31 अगस्त 2021 को 3 महीने के भीतर ट्विन टावर को गिराए जाने का आदेश दिया।

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