- 15/07/2022
जज-वकील 9 बजे काम क्यों नहीं शुरु कर सकते जब बच्चे सुबह 7 बजे स्कूल आ सकते हैं तो, तय समय से पहले कार्यवाही शुरु करते हुए बोले भावी CJI


सुप्रीम कोर्ट के भावी CJI जस्टिस यू यू ललित ने जजों के अदालत में आने को लेकर अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि जब बच्चे सुबह 7 बजे स्कूल आ सकते हैं तो न्यायाधीश और वकील 9 सुबह बजे अपना काम शुरु क्यों नहीं कर सकते।
दरअसल जस्टिस यूयू ललित समय से एक घंटा पहले ही मामलों की सुनवाई शुरु कर दी थी। न्यायालय में आम तौर पर 10:30 बजे ही कामकाज की शुरुआत होती है। अदालत का काम काज 4 बजे तक जारी रहता है। इस बीच 1 से 2 घंटे का लंच ब्रेक लिया जाता है। लेकिन इस विपरीत शुक्रवार को जस्टिस ललित ने साढ़े नौ बजे केस की सुनवाई शुरू की। उनकी बेंच में जस्टिस एस रविंद्र भट और सुधांशु धूलिया भी हैं।
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जमानत मामले में पेश हुए पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने समय से पहले कामकाज शुरु करने के लिए बेंच की सराहना की। उन्होंने कहा, “9.30 का यह समय अदालतें शुरू करने का अधिक उचित समय है।” जिस पर जस्टिल ललित ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना है कि अदालत को जल्दी काम शुरु करना चाहिए। उन्होंने कहा, ” मैंने हमेशा कहा है कि अगर हमारे बच्चे सुबह 7 बजे स्कूल जा सकते हैं तो हम 9 बजे कोर्ट क्यों नहीं आ सकते?”
माना जा रहा है कि जस्टिस ललित की ये टिप्पणी न्यायालयीन काम काज में बड़ा बदलाव ला सकती है। जस्टिस ललित सुप्रीम कोर्ट के भावी चीफ जस्टिस हैं। वे सीजेआई एनवी रमना से अगले महीने पदभार ग्रहण करेंगे।
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