• 25/07/2022

शासकीय कार्यालयों में काम ठप, लाखों कर्मचारी हड़ताल पर

शासकीय कार्यालयों में काम ठप, लाखों कर्मचारी हड़ताल पर

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द तथ्य डेस्क। राज्य के सभी शासकीय कर्मचारियों ने आज से कलमबंद-काम बंद हड़ताल की शुरूआत कर दी है। यह हड़ताल अब 29 जुलाई तक चलेगा। इस महा आंदोलन में प्रदेश भर के लाखों कर्मचारियों ने एक साथ शामिल होकर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है।

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शिक्षकों ने भी इस आंदोलन में अपनी सहभागिता दर्ज कराई है। बताया जाता है कि राज्य के अधिकांश जिलों में शिक्षक आज स्कूल ही नहीं पहुंचे । शिक्षक संघ के सदस्यों ने अपने नेताओं के साथ मिलकर आंदोलन में अपनी सहभागिता दर्ज कराई है। वहीं अधिकांश शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारियों को आवेदन भेजकर सामूहिक अवकाश की अर्जी भी दे दी है। इधर राजधानी रायपुर में मंत्रालय के बाहर आज शासकीय कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी की है। कर्मचारियों ने कार्यालय में प्रवेश नहीं किया, बल्कि मंत्रालय के प्रवेश द्वार पर ही रूककर एकजुटता के साथ आंदोलन का समर्थन किया।

कर्मचारी संगठन के नेताओं ने सभी कर्मचारियों से काम ना करने की अपील कर हौसला बढ़ा दिया है। वहीं बूढ़ातालाब स्थिति धरना-प्रदर्शन स्थल में भी कर्मचारी प्रदर्शन करने पहुंचे यहां महंगाई भत्ता सहित अन्य मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की। प्रदेश भर में आज से छत्तीसगढ़ कर्मचारी.अधिकारी फेडरेशन के बैनरतले पांच दिवसीय कलमबंद.काम बंद हड़ताल शुरू हो गया है। इसके चलते छत्तीसगढ़ में आने वाले एक सप्ताह तक किसी भी तरह का शासकीय कामकाज नहीं हो सकेगा। चूंकि इस हड़ताल में अधिकारी और कर्मचारी दोनों ही वर्ग शामिल है, लिहाजा आमजनों को अपना काम निपटाने के लिए अभी एक सप्ताह तक इंतजार करना होगा।

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फेडरेशन की मांग:
फेडरेशन के अनुसार सरकार द्वारा डी. ए. और एच. आर. ए. जैसे मौलिक अधिकार का हनन किया जा रहा है। इसके अलावा 1 जुलाई 2019 से 1 जुलाई 2022 तक स्वीकृत होने वाले महँगाई भत्ता को केन्द्र सरकार के समान देय तिथि से राज्य सरकार के द्वारा प्रभावशील नहीं किया गया है। जिसके कारण कर्मचारियों एवं अधिकारियों को जबरदस्त आर्थिक चपत लगी है। केंद्र शासन ने 1 जनवरी 2019 के 12 प्रतिशत महँगाई भत्ता में 5 प्रतिशत वृध्दि कर 1 जुलाई 2019 से 17 प्रतिशत घोषित किया था। लेकिन राज्य शासन ने 1 जुलाई 2021 से महँगाई भत्ता में 5 प्रतिशत वृध्दि किया था। जिसके कारण 1 जुलाई 2019 से 30 जून 2021 तक प्रदेश के कर्मचारी, अधिकारियों के मासिक वेतन में 5 प्रतिशत का कटौती हुआ था।

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