- 08/10/2022
CG में सड़क पर आई आदिवासियों के आरक्षण की सियासत, BJP नेता-कार्यकर्ताओं ने प्रदेशभर में किया चक्काजाम


छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के आरक्षण पर लगातार सियासी घमासान जारी है. आरक्षण छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा रद्द किए जाने के बाद बीजेपी और कांग्रेस लगातार आमने-सामने हैं. इसी क्रम में आज शनिवार को बीजेपी आदिवासियों के आरक्षण के मुद्दे के लेकर सड़क पर आ गई है. जिसको लेकर बीजेपी ने प्रदेशभर के अलग-अलग इलाकों में चक्काजाम कर दिया.
चक्काजाम की अगुवाई कोंडागांव में बीजेपी प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप, पूर्व मंत्री लता उसेंडी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भाजपा नेता सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं बीजेपी नेता सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे हैं. इतना ही नहीं बीजेपी ने इस प्रदर्शन की रूपरेखा बनाई. नतीजन शनिवार को बीजेपी नेता और कार्यकर्ता अलग-अलग इलाकों में नेशनल हाईवे पर चक्का जाम दिया.
बीजेपी नेता औऱ कार्यकर्ता अंबिकापुर, कोंडागांव, राजनांदगांव में चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. यह विरोध प्रदर्शन दोपहर 12 बजे से सभी स्थानीय नेताओं की अगुवाई में प्रदेशभर के कई इलाकों में एक साथ विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वहीं बीजेपी के इस प्रदर्शन को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद हो गई है.
राजनांदगांव में चक्काजाम
बता दें कि बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं ने राजनांदगांव जिले में मुंबई-हावड़ा नेशनल हाइवे-53 पर चक्काजाम कर दिया है. इस प्रदर्शन में आदिवासी समाज के लोग भी शामिल हैं. आदिवासियों ने भूपेश सरकार पर आरक्षण के मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. फिलहाल विरोध प्रदर्शन को लेकर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है.
अंबिकापुर में भी प्रदर्शन
वहीं दूसरी तरफ अंबिकापुर के बिलासपुर में भी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम कर दिया है. यहां बीजेपी के आदिवासी नेता नंद कुमार साय, पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा, कमलभान सिंह के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इन नेताओं के समर्थन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद हैं.
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि प्रदेश में चक्काजाम बीजेपी की अनुसूचित जनजाति मोर्चा कर रही है. छत्तीसगढ़ में आदिवासियों का आरक्षण 32% से घटाकर 20% कर दिया गया है. जिसके खिलाफ भाजपा प्रदर्शन कर रही है. दरअसल, छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है जहां किसी समुदाय के आरक्षण को छीना गया है. बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर में तीसरी और चौथी श्रेणी के नौकरियों में स्थानीय आरक्षण डॉ रमन सिंह की सरकार में मिलता था. उस पर भी रोक लगाने का आदेश जारी हुआ है.