- 27/07/2022
बस्तर में BDS टीम को मिला बम डिफ्यूज सूट का कवच, नहीं होगा ब्लास्ट का असर
द तथ्य डेस्क। बस्तर में लाल आतंकियों का मुकाबला करने वाले सुरक्षाबलों को अब IED बम का खतरा काफी कम हो जाएगा। बस्तर के नारायणपुर जिले में BDS (बम निरोधक दस्ते) की टीम को जहां अत्याधुनिक उपकरणें दी गई हैं तो उन्हें एक स्पेशल सूट भी दिया गया है। इस सूट पर धमाकों का असर नहीं होता। BDS की टीम को इसके लिए प्रशिक्षित भी किया गया है।
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बस्तर में लाल आतंकियों को मुंह तोड़ जवाब देने वाले सुरक्षाबलों को नक्सलियों से ज्यादा जमीन, पेड़ों की ओट में तथा घास-फूस में छिपाकर रखी गई IED बम से खतरा होता है। इन बमों की चपेट में आकर जवान या तो शहीद हो जाता है या गंभीर रूप से जख्मी हो जाता है। नक्सलियों द्वारा लगातार IED बमों का उपयोग किया जाना आम बात है, लेकिन इससे होने वाले जान-माल के नुकसान को देखते हुए अब टीम ने भी इसका तोड़ निकाल लिया है। नारायणपुर में बम निरोधक दस्ता BDS को जहां आधुनिक उपकरणों से लैस कर दिया गया है तो वहीं इन्हें एक स्पेशल सूट भी दिया गया है। इस सूट को पहनने के बाद धमाकों का कोई असर नहीं होता। इसके अलावा जमीन के नीचे, पेड़ों की ओट में तथा घास-फूस के भीतर छिपाकर रखे गए IED बम को भी ढूंढना आसान हो जाएगा।
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इसके लिए BDS की टीम को आधुनिक उपकरण दिया गया है, इसके अलावा इन्हें अब इस तरह से प्रशिक्षित किया गया है कि ये आसानी से प्लांट किए गए बमों को ढूंढ कर उसे निष्क्रिय कर सकते हैं। नारायणपुर पुलिस लाईन में इसके लिए बकायदा एक डेमो भी किया गया। इसमें सबसे पहले जमीन में छिपाकर रखे गए बम को स्निफर डॉग की मदद से ढूंढा गया। फिर स्पेशल उपकरणों की मदद से इसे सुरक्षित बाहर निकालकर स्पेशल सूट पहनकर जवान ने निष्क्रिय कर दिया। इस पूरे डेमो को उच्चाधिकारियों ने भी देखा और जमीर तारीफ की। ज्ञात हो कि जंगल में नक्सलियों की टोह लेने निकलने वाले जवानों के आगे स्निफर डॉग की टीम, BDS की टीम चलती है, इसके बाद जवानों का बल पीछे होता है। IED ब्लास्ट के चलते अब तक कई जवान शहीद हो चुके हैं और कई जीवन भर के लिए अपंगता का शिकार हो चुके हैं, लेकिन इस नई तकनीक से अब इस तरह के घटनाओं में निश्चित रूप से कमी आएगी।
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