• 16/09/2023

प्रधानमंत्री और केन्द्रीय मंत्रियों में झूठ बोलने की होड़, भूले पद की मर्यादा, बीजेपी पर कांग्रेस का आरोप

प्रधानमंत्री और केन्द्रीय मंत्रियों में झूठ बोलने की होड़, भूले पद की मर्यादा, बीजेपी पर कांग्रेस का आरोप

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पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर कई बड़े नेता छत्तीसगढ़ दौरे पर आए और सूबे की कांग्रेस सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। बीजेपी के केन्द्रीय नेताओं के आरोपों पर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया। कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला और धनंजय ठाकुर ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने पहले ईडी, आईटी भेजकर कांग्रेस सरकार की छवि खराब करने का काम किया, गलत कार्यवाही से जनता में मोदी सरकार खुद बदनाम हो गयी तो अब प्रधानमंत्री से लेकर केन्द्रीय मंत्री बिना किसी पद की मर्यादा का ख्याल रखे झूठ पर झूठ बोल रहे है। मुद्दाविहीन भारतीय जनता पार्टी इन दिनों अपने वरिष्ठ नेताओं को भेजकर छत्तीसगढ़ में गलत बयानी और भ्रम फैलाने में लगी है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पहले केन्द्रीय मंत्री आते है, झूठ बोलते है, गलत आरोप लगाते है, बिना किसी ठोस प्रमाण के आधारहीन बाते किये, उसके बाद प्रधानमंत्री आये राज्य सरकार पर झूठा आरोप तो लगाया ही छत्तीसगढ़ में जी-20 के सम्मेलन पर भी सफेद झूठ बोलकर गये। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी आये झूठ बोले, उसके बाद अचानक केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल आते है वे प्रेस कांफ्रेंस करके सफेद झूठ बोलते है राज्य के राशन वितरण और चावल खरीदी पर झूठ बोलकर जाते है। उसके बाद गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत आते है वे भी बेसिर पैर की तथ्यहीन बाते करके गये।

बीजेपी सनातन की शिक्षा न दे

नरेन्द्र मोदी, प्रमोद सांवत, नड्डा तीनों ही सनातन धर्म के बारे में भी भाषणबाजी करके गये। कांग्रेस सनातन की शिक्षा देने के बजाय भाजपा आत्म अवलोकन करें गोवा में प्रमोद सांवत की सरकार में तीन-तीन मंदिर तोड़े गये पूरे गोवा में विरोध हुआ, उस पर मोदी-सांवत जवाब दें। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बड़ा सनातनी कौन हो सकता है? 15 साल तक जिन माता कौशल्या, भगवान राम को भुला दिया उन माता कौशल्या के मंदिर का जीर्णोद्धार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया। भगवान राम वन गमन पथ को बनाने का काम भूपेश सरकार ने किया है। राम वन गमन पथ पांच स्थानों पर भगवान राम की विशाल प्रतिमा स्थापित की जा चुकी है। छत्तीसगढ़ के सभी नगर निकायों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृष्ण कुंज बनाया है। राम और कृष्ण के काम को करने वाली कांगेस सरकार को भाजपाई सनातन की शिक्षा न दें तो बेहतर है।

पीयूष गोयल ने केंद्रीय मंत्री पद की मर्यादा को गिराया

पीयूष गोयल ने राज्य सरकार पर धान/चावल की खरीदी एवं वितरण में गड़बड़ियों के जो आरोप लगाये गये हैं, वे निहायत गैर जिम्मेदाराना है। केन्द्रीय मंत्री से यह अपेक्षा की जाती है कि वे तथ्य परक एवं गंभीर बात करेंगे। लेकिन पीयूष गोयल के आरोप देखकर लगता है कि जैसे भाजपा का कोई मोहल्ला छाप नेता अनर्गल बातें कर रहा है।

पीयूष गोयल द्वारा यह बताया गया है कि वे एफ.सी.आई. की आकस्मिक जांच करने रायपुर पहुंचे थे। उन्होंने निरीक्षण एफ.सी.आई. का किया तथा आरोप ऐसे लगाये जैसे उन्होंने राज्य की राशन दुकानों का निरीक्षण किया हो। उनको चाहिए था कि पहले ये तो बताएँ कि एफ.सी.आई. के निरीक्षण में उन्हे क्या गड़बड़ियां मिली और वे उन पर क्या कार्यवाही कर रहे हैं?

पीयूष गोयल के आरोप शरारत पूर्ण है। भाजपाई एक भी गरीब को सामने नहीं ला सकते जिसे निर्धारित मात्रा में चावल न मिला हो। राज्य के एक-एक गरीब व्यक्ति को भारत सरकार द्वारा दिये जा रहे चावल से अधिक चावल बिना किसी कष्ट के दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने चावल के मामले में कार्यवाही किया। भारत सरकार के 6 जून के पत्र में जो एडवाइजरी जारी की गयी थी, उसके अनुरूप समस्त कार्यवाहियां सुनिश्चित की गयी है तथा उसकी जानकारी भारत सरकार को दिनांक 28 जुलाई 2023 को दी जा चुकी है। (प्रतिलिपि संलग्न) राशन दुकान की जांच में जो भी कमियां पायी गयी थी, उसके लिए दुकानों को बंद कराने, दुकान निरस्त करने. एफ.आई.आर कराने तक का वसूली हेतु आर.आर.सी. जारी करने की सभी कार्यवाहियां राज्य सरकार द्वारा की गई है। राज्य सरकार की 285 दुकानों के लाइसेंस सस्पेंड किये गये, 208 दुकानों को बंद करवाया गया, 22 दुकानों पर एफ.आई.आर. भी हुई। शेष 17 हजार टन चावल की वसूली हेतु हर संभव कार्यवाही की जा रही है। जुलाई 2023 को राज्य में आयी केन्द्रीय टीम ने न ही किसी कमी की सूचना राज्य सरकार को दी है, न ही कोई एडवाइजरी जारी की है। पीयूष गोयल द्वारा गलत बयानी की जा रही है।

पीयूष गोयल ने झूठ बोला कि बीते साल भारत सरकार ने राज्य से 61 लाख टन चावल लेने का निर्णय लिया था, न कि 87 लाख टन। प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना अंतर्गत भारत सरकार द्वारा चावल आबंटन में कमी के कारण राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर से गरीबों को चावल दिये जाने के कारण स्टेट पूल में अधिक चावल लेना पड़ रहा है। राज्य को 58 लाख टन चावल जमा करने हेतु 30 सितम्बर तक का समय दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा खरीदे गये 107 लाख टन धान के चावल के एक-एक दाने का उपयोग राज्य के गरीबों एवं जरूरतमंद व्यक्तियों को किया जा रहा है। इसमें किसी भी प्रकार के घोटाले का आरोप हास्यास्पद है।

केंद्र ने चावल के कोर्ट को घटाया है। पत्र दिनांक 09.08.2023 के द्वारा भारत सरकार ने सूचित किया था कि के.एम.एस. 2023-24 में राज्य से 86 लाख टन चावल लिया जायेगा। पुनः भारत सरकार द्वारा पत्र दिनांक 28.08.2023 द्वारा सूचित किया गया कि राज्य से 86 लाख टन चावल के बदले 61 लाख टन चावल लिया जायेगा (दोनों पत्रों की प्रति संलग्न है)। अब पीयूष गोयल स्वयं ही बता दे की झूठ कौन बोल रहा है।

पीयूष गोयल झूठा बोले केंद्र ज्यादा देता है। राज्य के किसानों की औसतन कृषि होल्डिंग लगभग तीन एकड़ है। तीन एकड़ भूमि का किसान 45 क्विंटल धान बेचता है। यदि किसान को भारत सरकार से 6000 रूपये मात्र मिलते है तो प्रति क्विंटल (6000झ्45) 150 रूपये भी इन्सेन्टिव राशि नहीं होती। पीयूष गोयल स्वयं जोड़ के देख लें कि किसानों को 2500 रूपये की राशि कैसे प्राप्त हो रही है। पीयूष गोयल को किसानों पर झूठा एहसान जताना शोभा नहीं देता।