• 21/05/2022

खतरे में CM की कुर्सी, EC ने पेश होने का दिया आदेश, ये है मामला

खतरे में CM की कुर्सी, EC ने पेश होने का दिया आदेश, ये है मामला

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रांची। खनन लीज (mining lease) आबंटन के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की मुश्किलें लगातार बढ़ते ही जा रही है। मामले में चुनाव आयोग (Election commission) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 31 मई तक पेश होने का आदेश दिया है। ऐसे में उनकी कुर्सी पर खतरा बना ही हुआ है।

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हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग में पेश होने का नोटिस उनके द्वारा आयोग में जवाब दाखिल करने के बाद ही आया है। इससे पहले  20 मई को हेमंत सोरेन ने खनन लीज आबंटन मामले में चुनाव आयोग की पिछली नोटिस पर अपना जवाब प्रस्तुत किया था। आयोग के सामने अपने लिखित जवाब में सोरेन ने खनन लीज को सरेंडर करने की जानकारी दी। सोरेने के लिखित जवाब के बाद आयोग ने उन्हें 31 मई को पेशी का निर्देश दिया है।

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सोरेने ने लिखित जवाब में कहा, ”2008 में 10 साल के लिए मुझे खनन लीज पर मिली थी लेकिन 2018 में उस लीज का नवीकरण नहीं किया गया। 2021 में माइनिंग लीज मिली लेकिन लीज कार्यान्वित करने की मंजूरी नहीं मिली। लिहाजा 4 फरवरी को मैंने खनन लीज को सरेंडर कर दिया था।”

आपको बता दें हेमंत सोरेन के ऊपर आरोप है कि उन्होंने खुद के नाम खनन आबंटन का आरोप है। झारखंड के पूर्व सीएम रघुबर दास (Raghubar Das) ने 10 फरवरी को इस मामले को उठाया था। उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन पर पद का दुरुपयोग करते हुए रांची के अनगड़ा में अपने नाम से पत्थर खदान आवंटित करने का आरोप लगाया था। मामले में रघुबर दास के नेतृत्व में बीजेपी ने राज्यपाल से शिकायत की थी। बीजेपी ने अपनी शिकायत में कहा था कि पूरा मामला ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में आता है, इसलिए मुख्यमंत्री की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दिया जाना चाहिए। मामले में राज्यपाल ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राय मांगी थी।