• 07/02/2023

हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना! केटीयू ने कर्मचारियों को निकाला, 9 फरवरी से धरने पर जाने की तैयारी, पीड़ितों ने कहा- आखरी रास्ता मौत ही दिख रहा

हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना! केटीयू ने कर्मचारियों को निकाला, 9 फरवरी से धरने पर जाने की तैयारी, पीड़ितों ने कहा- आखरी रास्ता मौत ही दिख रहा

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छत्तीसगढ़ का एकमात्र पत्रकारिता विश्वविद्यालय कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय अपने विवादों की वजह से लगातार सुर्खियों में बना रहा है। कभी कुलपति नियुक्ति को लेकर विवाद तो कभी रजिस्ट्रार के सेवानिवृत्ति को लेकर विवादों में घिरा रहा है। मौजूदा विवाद हाईकोर्ट की अवमानना को लेकर है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने यहां कार्यरत 23 अनियमित कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक किसी भी कर्मचारी को काम से नहीं निकालने का आदेश दिया था।

वर्षों से विश्वविद्यालय में कार्य कर रहे अनियमित कर्मचारियों ने बताया कि कुलसचिव आनंद शंकर बहादुर ने बिना किसी कारण से उन्हें नौकरी से निकाल दिया और प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्य करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कर्मचारियों ने बताया की इस विषय पर वे हाई कोर्ट से स्टे ला चुके है। उसके बावजूद दोबारा प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए काम करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार उन पर दबाव बना रहा था। यहां तक कि उन्हें उपस्थिति रजिस्टर में भी हस्ताक्षर नहीं करने दिया जा रहा। अपने मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी के दो दर्जन से अधिक अनियमित कर्मचारी 9 फ़रवरी से धरने पर बैठने की तैयारी कर रहे है। अपनी परेशानी को लेकर कर्मचारी श्रम विभाग, रायपुर कलेक्टर और सीएम को भी ज्ञापन सौप चुके है।

मूलभूत जरूरतों के अभाव से जूझ रहा विश्वविद्यालय

कोरोना काल समाप्त होने के बाद ऑफलाइन क्लासेस शुरू हो चुकी हैं। यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्र- छात्राओँ से बातचीत में सामने आया कि विश्वविद्यालय अपने स्थापना के 12 साल बाद भी मूलभूत जरूरतों के अभाव से जूझ रहा है। सभी डिपार्टमेंट में शिक्षकों की कमी है साथ ही पीने के पानी से लेकर वाशरूम, पार्किंग जैसी कई समस्या निरंतर बनी हुई है। छात्रों ने बताया एक साल से कोई बड़ा सेमीनार या कार्यक्रम नहीं हुआ जिससे उन्हें देश के बड़े हस्तियों से मिलने का मौका मिले।

प्लेसमेंट एजेंसी को फायदा पहुंचाने की तैयारी!

कर्मचारियों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन लगातार उन पर प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए काम करने का दबाव बना रहा है। उऩका आरोप है कि प्रबंधन निजी स्वार्थ की वजह से प्लेसमेंट एजेंसी को काम सौंपना चाह रहा है।

अवमानना याचिका दाखिल

हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद प्रबंधन ने कर्मचारियों को काम से निकाल दिया है। कर्मचारियों ने अब फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ अवमानना की याचिका दाखिल की है।

आखरी रास्ता मौत ही- कर्मचारी

अनियमित कर्मचारियों का कहना है कि वे मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक अपनी गुहार लगा चुके हैं लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। काम से निकाले जाने पर अब इनके और इनके परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट आन खड़ा है। कर्मचारियों का कहना है कि अब आखरी रास्ता मौत ही दिख रहा।

प्रबंधन खामोश

इस पूरे मामले में विश्वविद्यालय प्रबंधन बात करने से लगातार बच रहा है।  कुलपति बलदेव भाई शर्मा और कुलसचिव आनंद शंकर बहादुर से संपर्क करने की कोशिश किए लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया। बाद में अपना फोन स्विच ऑफ कर दिए।