• 16/07/2022

बिंदी को फैशन मानने की न करें भूल इनके फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप

बिंदी को फैशन मानने की न करें भूल इनके फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप

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द तथ्य डेस्क । सनातन संस्कृति में प्रत्येक कार्य के पीछे कोई न कोई ठोस कारण जरूर होता है। हिंदू महिलाओं के साज-श्रृंगार की बात करें तो बिना माथे पर बिंदी लगाए श्रृंगार को संपूर्ण नहीं माना जाता। मगर क्या आप जानते हैं कि हिंदू रीति-रिवाज में महिलाओं के माथे पर बिंदी लगाने के क्या मायने हैं और इससे कितना लाभ मिलता है। महिलाओं को माथे पर एक खास जगह पर ही बिंदी लगाने की सलाह दी जाती है, यह केवल फैशन के लिए नहीं है बल्कि इसके पीछे स्वास्थ्यगत कारण भी जुड़ा होता है।

बिंदी लगाने की जगह है बेहद खास 

महिलाएं जिस बिंदी को साधारण समझ कर अपने माथों पर लगाती हैं वे अनजाने में ही अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा कर रही होती है। दरअसल बिंदी को माथे के उस स्थान पर लगाया जाता है जहां दोनों भौहें आपस में मिलती है। इस जगह को योग की भाषा में आज्ञा चक्र कहा जाता है। ऐसी मान्यता है यह बिंदु इंसानी शरीर का छठा और सबसे ज्यादा शक्तिशाली चक्र होता है। इसी जगह से सिर, आंखें, दिमाग, पीनल ग्लैंड, पिट्यूटरी ग्लैंड और पीयूष ग्रन्थि जुड़ी रहती है। योग में ऐसे कई आसन बताए गए हैं, जिनमें माथे को जमीन के साथ छुना पड़ता है। इससे यह चक्र एक्टिव हो जाता है। इस चक्र को ज्ञान का केंद्र भी माना जाता है। इसलिए जब बिंदी को इस जगह पर लगाया जाता है तो महिलाएं इसे दबाती हैं जिससे ये चक्र और भी एक्टिव हो जाता है।

एक्यूप्रेशर से प्वाइंट होता है सक्रिय

न केवल भारतीय संस्कृति बल्कि चीनी भी यह मानते हैं कि माथे के बीच इस जगह पर प्रेशर देने से आज्ञा चक्र जिसे थर्ड ऑई कहा जाता है वो एक्टिव होने लगता है। इस प्वाइंट पर रोजाना दबाव देने से यह सक्रिय होता है और इससे शरीर की कई बीमारियां अपने-आप ठीक हो जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इस प्वाइंट पर दबाव देने से सिरदर्द जैसी कई परेशानियां अपने आप खत्म हो जाती है। यहां पर कई ऐसी नसें और धमनियां होती हैं जिन्हें नियमित रूप से दबाने शरीर स्वस्थ्य रहता है।

चेहरे की झुर्रियां खत्म करने में मदद

यह जानकर काफी हैरानी होगी कि नियमित रूप से माथे पर बिंदी लगाने से जहां आखों की रौशनी तेज होती है तो वहीं इस प्वाइंट सुप्राट्रोक्लियर नाम की नस होती है जो सीधे आंखों से जुड़ी है। इस पर दबाव पड़ने से यह और ज्यादा मजबुत होती है और आंखों के साथ ही चेहरों पर पड़ने वाली झुर्रियां धीरे-धीरे कम हो जाती है। इसीलिए माथे पर रोजाना बिंदी लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। बिंदी को दो भौंहों के बीच में थोड़ा सा दाहिने ओर लगाते हैं इससे हमारा आज्ञा चक्र एक्टिव होता है और मन शांत होता है। इसके अलावा इस प्वाइंट पर दबाव देने से साइनस, चेहरे पर आई कमजोरी, आंखों की मांसपेशियों का मसाज, अनिद्रा, सिरदर्द जैसी कई बीमारियों से स्वतः ही छुटकारा मिल जाता है।

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