• 17/03/2024

चुनाव से पहले एक और मामले में ED ने केजरीवाल को बुलाया, एक साथ भेजे दो-दो समन

चुनाव से पहले एक और मामले में ED ने केजरीवाल को बुलाया, एक साथ भेजे दो-दो समन

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब ईडी ने उन्हें दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित एक मामले में भी पूछताछ के लिए समन जारी किया है। जांच एजेंसी ने उन्हें 18 मार्च को हाजिर होने कहा है। दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने बताया कि केजरीवाल को यह समन शनिवार शाम को भेजा गया था।

इसके अलावा केजरीवाल दिल्ली की कथित शराब नीति घोटाला मामले में ईडी के निशाने पर हैं। ईडी ने इस मामले में भी उन्हें आज 9 वीं बार समन भेजा है। जिसमें उन्हें 21 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया है। इससे पहले इसी मामले में ईडी उन्हें 21 नवंबर, 3 जनवरी, 18 जनवरी, 2 फरवरी, 19 फरवरी, 26 फरवरी और 4 मार्च को समन जारी किया था।

शनिवार को केजरीवाल दिल्ली के राउज एवन्यू कोर्ट में हाजिर हुए थे। कोर्ट ने उन्हें ईडी की शिकायत पर नोटिस जारी किया था। शिकायत पर एक सुनवाई में केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के सामने पेश हुए थे। लेकिन दूसरी सुनवाई के लिए कोर्ट ने उन्हें अदालत में हाजिर रहने का आदेश दिया था। कोर्ट ने केजरीवाल को 50 हजार रुपये के दो अलग-अलग बॉन्ड पर जमानत दे दी।

दो गिरफ्तार

आपको बता दें दिल्ली जल बोर्ड मामले में ईडी ने सीएम केजरीवाल के पीए बिभव कुमार, आप के ट्रेजरर और राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता और अन्य के खिलाफ छापामार कार्रवाई की थी। दिल्ली जल बोर्ड के मेंबर शलभ कुमार के भी ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा था। ईडी ने बोर्ड के चीफ इंजीनियर जगदीश अरोड़ा और अनिल कुमार को गिरफ्तार किया था।

ये है मामला

दिल्ली जल बोर्ड मामला सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर पर आधारित है। जिसमें दावा  किया गया है कि चीफ इंजीनियर जगदीश अरोड़ा ने एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड को 38 करोड़ से ज्यादा का कॉन्ट्रेक्ट दिया था। जो कि तकनीकी रुप से इसके लिए पात्र नहीं थे। ईडी का दावा है कि एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर ने फर्जी दस्तावेज पेश कर कॉन्ट्रेक्ट हासिल किया था।

इसके साथ ही ईडी का दावा है कि एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर ने इंटीग्रल स्कूज को इसे पेटी कॉन्ट्रेक्ट पर दे दिया था। अनिल अग्रवाल इंटीग्रल स्कूज के मालिक है। इस काम के बदले चीफ इंजीनियर अरोड़ा  को 3 करोड़ रुपये मिले थे। जिसे नगदी के अलावा कुछ बैंकों में ट्रांसफर किया गया था।