- 22/04/2024
धधकते ‘कूड़े के पहाड़’ से घुट रही सांसे, आखिर कब तैयार होगा प्रशासन का एक्शन प्लान
राजधानी के गाजीपुर लैंडफिल साइट में रविवार को भीषण आग लग गई। सूचना मिलते ही मौके पर दिल्ली नगर निगम और दमकल विभाग की टीम पहुंची और आग बुझाने का प्रयास शुरू किया।आग का धुआं लोगों के घर तक पहुंचने पर उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा।
घटनास्थल पर दमकल विभाग की आठ गाड़ियां मौजूद हैं। और फिलहाल किसी भी व्यक्ति के हताहत होने की खबर नहीं है।वहीं घटना की सूचना मिलने के बाद दिल्ली नगर निगम के डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल ने मौके पर पहुंचे और लैंडफिल साइट का निरिक्षण किया।इसके बाद उन्होंने कहा कि अधिकारियों को आग पर जल्द काबू पाने के निर्देश दिए गए है।
गर्मी और मौसम में ड्राइनेस की वजह से आग लगी आग पर काबू पाने के लिए पांच एक्सकेवेटर व अग्निशमन विभाग की गाड़ियां मौजूद हैं। अभी भी वहां से धुएं का घना गुबार उठ रहा है। लैंडफिल के करीब रहने वाले कई लोगों ने गले में दिक्कत और सांस लेने में परेशानी होने की शिकायत की है।
आग कुछ गीले कचरे के आसपास भी फेल गई है, जिससे धुआं काफी बढ़ गया है। इस धुएं से नजदीकी मुल्ला कॉलोनी और राजबीर कॉलोनी के लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसी समस्या शुरू हो रही है।
आंखों में जलन, खांसी जैसी समस्याएं
मुल्ला कॉलोनी के व्यक्ति ने बताया कि यहां पर कॉलोनी में जो लोग तीसरी चौथी मंजिल पर रहते हैं उनके घरों में सीधा धुआं घुस रहा है। इससे बुजुर्ग लोगों को बहुत ज्यादा समस्या हो रही है।बच्चे भी इस धुएं से परेशान हो रहे हैं।रात भर लोग सो नहीं पाए हैं और अब भी धुएं से परेशानी हो रही है। आंखों में जलन, खांसी जैसी समस्याएं लगातार चल रही है।
बच्चे और बुजुर्ग यहां जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते रहते हैं। यह काफी गंभीर समस्या है। इसकी ओर ध्यान देना चाहिए हर साल इस कूड़े के पहाड़ में दो-तीन बार आग लगती है। इससे जो धुआं निकलती है, उससे यहां के लोगों को सांस और दम घुटने की समस्याएं काफी बढ़ गई हैं।
आखिर कब होगा इसका निपटान ?
दिल्ली की गाजीपुर लैंडफिल साइट के कूड़े के पहाड़ को खत्म करने को लेकर दिल्ली नगर निगम तारीख पर तारीख निर्धारित करती आ रही है, लेकिन कूड़ा खत्म नहीं हो पा रहा है। एमडीसी की गाजीपुर एसएलएफ करीब 70 एकड़ में फैली हैं जोकि साल 1984 में अस्तित्व में आई थी। इसके बाद से धीरे-धीरे इसकी ऊंचाई 65 मीटर तक पहुंच गई। जिसकी वजह से पिछले कुछ सालों से यह हादसों की साइट भी बन गई है।
गाजीपुर लैंडफिल साइट में लोगों की मौतें
बात अगर साल की करें तो सितंबर माह में दोपहर के वक्त इस साइट का एक बहुत बड़ा हिस्सा टूट गया था। इस दौरान सड़क और नहर के साथ से गुजर रहे कई वाहन इसके मलबे की चपेट में आ गए थे। इसकी वजह से दो लोगों की मौत भी हो गई थी जिसमें एक स्कूटी सवार लड़की और एक महिला शामिल थीं।
साइट के पास की नहर में 3-4 कारें भी जा गिरीं थीं।इसके बाद एनडीआरएफ और दिल्ली पुलिस के अलावा दूसरी टीमों ने रेस्क्यू अभियान चलाया था और 5 लोगों की जान बचायी थी।इसके बाद दिल्ली की सियासत खूब गरमायी और बड़े-बड़े दावे बीजेपी, आम आदमी पार्टी के नेताओं की ओर से किए गए।
हैरान करने वाली बात यह है कि इस हादसे के बाद में फिर इस साइट पर आग लगने की घटना सामने आई और यह आग नहीं बुझ पायी।इससे निकलने वाले जहरीले धुंए ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया।