• 29/03/2024

कांग्रेस में फिर लेटर बम: शोकॉज नोटिस के जवाब से मचा हड़कंंप, अब सिसोदिया ने कहा- भूपेश बघेल पर कार्रवाई करें

कांग्रेस में फिर लेटर बम: शोकॉज नोटिस के जवाब से मचा हड़कंंप, अब सिसोदिया ने कहा- भूपेश बघेल पर कार्रवाई करें

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लोकसभा चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया शुरु हो गई है। लेकिन इन सबके बीच अभी भी छत्तीसगढ़ कांग्रेस में मचा कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता अपनी ही पार्टी के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। पार्टी कोष में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले एआईसीसी सदस्य अरुण सिसोदिया ने मिले शोकॉज नोटिस का जवाब देकर एक और बम फोड़ दिया है। उन्होंने शोकॉज नोटिस का 13 बिन्दुओं में जवाब दिया है। अब एक बार फिर उनके द्वारा लिखे गए जवाब से पार्टी के भीतर हड़कंप मच गया है। सिसोदिया ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश के साथ ही राम गोपाल अग्रवाल और विनोद वर्मा पर कार्रवाई की मांग की है।

रामगोपाल और विनोद वर्मा से भरपाई हो

सिसोदिया ने दीपक बैज को लिखे पत्र में शोकॉज नोसिट को एआईसीसी के बायलॉज के विपरीत बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपके द्वारा दिया गया पत्र मीडिया में कैसे लीक हुई, समिति बनाकर इसकी जांच की जाए। उन्होंने कोष में 5.89 करोड़ की गड़बड़ी की भरपाई रामगोपाल अग्रवाल और विनोद वर्मा से करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने राजीव भवन  के नाम पर उगाही करने का आरोप लगाते हुए, इसकी भी जांच करने के लिए कहा है।

कार्यकर्ताओं को अपमानित करने पर भूपेश बघेल पर कार्रवाई हो

सिसोदिया ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर पार्टी कार्यकर्ताओं को स्लीपर सेल कहकर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।

सिसोदिया के इस पत्र पर मिला था शोकॉज नोटिस

आपको बता दें अरुण सिसोदिया ने कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल पर पार्टी फंड में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था। पत्र लिखकर उन्होंने कहा था, “छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल ने अपने मित्र और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनितिक सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी टेसू मौडिया लैब गाजियाबाद को 5 करोड़ 89 लाख रुपये बिना प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम व प्रभारी महामंत्री की जानकारी और अनुमति के भुगतान किया गया है। जबकि कोषाध्यक्ष को कार्यादेश जारी करने की अनुमति नहीं है और पार्टी बायलॉज के अनुसार प्रदेश कार्यकारणी में प्रस्ताव लाकर पास करना आवश्यक है और प्रदेश अध्यक्ष के नोट शीट ऐपुवल लिया जाना जरूरी है।

अरुण सिसोदिया ने पत्र में आगे कहा, “सरकार आने के बाद भी संगठन को किसी प्रकार की आर्थिक सहयोग नहीं दिया जाता था। हमारे द्वारा कई बार बैठक में और प्रभारी कुमारी सैलजा से अनुरोध और मांग की गई। इसके बावजूद ब्लाक अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष को संगठन का कार्य करने 5-10 हजार रूपये तक नहीं दिया गया। लेकिन अपने परिवार के लोगों को एक कमरे में बैठकर कार्यादेश और निजी लोगों को गवाह बनाकर भुगतान कर दिया गया। जो रकम 10 लाख, 6 लाख और 3 लाख यानि 19 लाख रुपये प्रति माह भुगतान किया गया। जो कि वर्तमान में 10 गुना है यानि प्रति माह 20 लोगों की टीम 3 लाख रुपये में काम कर रही है।”

पार्टी से गिरोह को बाहर किया जाए

अरुण सिसोदिया ने अपने पत्र में आगे पीसीसी चीफ से कहा, “5 साल में ही सरकार और संगठन में मनमानी करने वाले गिरोह को पार्टी से बाहर किया जाए व हार के जिम्मेदार लोगों को सक्रिय राजनीति और पार्टी से दूर रखा जाए, तभी पार्टी का उत्थान संभव है।