• 11/03/2024

SBI इलेक्टोरेल बॉन्ड की कल तक दे पूरी डिटेल, EC 15 मार्च तक करे पब्लिश, सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश

SBI इलेक्टोरेल बॉन्ड की कल तक दे पूरी डिटेल, EC 15 मार्च तक करे पब्लिश, सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश

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चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने एसबीआई से सवाल किया कि उसने बीते 26 दिन में क्या-क्या किया? इसके साथ ही कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि एसबीआई बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी कल तक दे और चुनाव आयोग इसे 15 मार्च तक पब्लिश करे। इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने एसबीआई के उस आवेदन को भी खारिज कर दिया है, जिसमें उसने चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून 2024 तक की समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी।

कोर्ट ने एसबीआई से 12 मार्च तक चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर बैंक ने 12 मार्च तक बॉन्ड का विवरण चुनाव आयोग को नहीं सौंपा तो वह उसके खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू कर देगा।

इससे पहले एसबीआई की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने शीर्ष कोर्ट से 30 जून तक का समय मांगते हुए कहा कि बैंक को भारत के चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है। उऩ्होंने कहा कि पूरा विवरण देने कते  लिए उसे पूरी प्रक्रिया को उलटनी पड़ेगी। SOP में साफ है कि हमारे कोर बैंकिंग सिस्टम और बांड नंबर में खरीदार का कोई नाम नहीं था। हमें बताया गया कि इसे गुप्त रखा जाना चाहिए।

26 दिनों में क्या किया ?

मामले पर सुनवाई कर रही संविधान पीठ के सदस्य जस्टिस खन्ना ने एसबीआई के वकील हरीश साल्वे से कहा कि मामले पर सुनवाई कर रही संविधान पीठ के सदस्य जस्टिस खन्ना ने एसबीआई के वकील हरीश साल्वे से कहा कि आपने बताया कि इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी एक सील कवर लिफाफे में रखी गई है तो ऐसे में आपको सिर्फ सील कवर खोलकर जानकारी देनी है। सीजेआई ने कहा कि हमने 15 फरवरी को आदेश दिया था और आज 11 मार्च है। ऐसे में बीते 26 दिनों में आपने क्या किया?

आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया है। 15 फरवरी, 2024 को दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले में शीर्ष कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम रद्द कर दी थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई रकम और इसे हासिल करने वालों का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था।