- 26/07/2022
जनता को लगने जा रहा बिजली का जोरदार झटका, राज्य सरकार ने एनर्जी चार्ज में की बड़ी वृद्धि
द तथ्य डेस्क। छत्तीसगढ़ की जनता को जल्द ही बिजली का जोरदार झटका लगने वाला है। प्रदेशवासियों को अब विद्युत देयकों के भुगतान के लिए अपनी जेबें और ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। राज्य सरकार ने इसके लिए विधानसभा में विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक पारित कर दिया है। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह कानून लागू हो जाएगा। नए प्रावधान के तहत ऊर्जा शुल्क में 3 से 7 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है।
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नए विधेयक में सभी तरह के उपभोक्ताओं के लिए नई दर का ढांचा तैयार किया गया है। इसके तहत बिजली शुल्क के एनर्जी चार्ज में वृद्धि की गई है। घरेलू कनेक्शन पर प्रति यूनिट एनर्जी चार्ज 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 11 प्रतिशत किया गया है। इसी तरह गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एनर्जी चार्ज 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत, सीमेंट उद्योगों की कैप्टिव माइंस के लिए 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 21 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है। गैर सीमेंट खानों में यह चार्ज 56 प्रतिशत तक तय हुआ है।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि इस कानून को 1996-97 में अधिसूचित किया गया था। इसके बाद साल 2012-13 में इसका अनुपातीकरण हुआ था और इसके 10 साल बाद उसको फिर से अनुपातीकरण की जरूरत थी। सीएम बघेल ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने से बिजली बिल में मामूली वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, यह जो शुल्क लगाया गया है वह सेस नहीं है या उपकर नहीं है। विधानसभा में इस विधेयक के बाद सदस्यों ने ध्वनिमत से विधेयक पारित कर दिया।
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विपक्ष का आरोप सरकार ने किया बिजली महंगी:
भाजपा के विधायक अजय चंद्राकर ने इस विधेयक पर अपनी कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि राज्य सरकार यदि टेरिफ दर बढ़ाएगी तो क्या इससे जनता की जेब नहीं कटेगी। इससे जनता के उपर अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा। यदि यही काम दिल्ली सरकार करती है तो जनता पर भार आता है। दोंनो की मुद्रा अलग-अलग कैसे है!
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