- 19/07/2022
आप ने अग्निपथ योजना पर उठाए सवाल, पूछा अग्निवीर बना रहे या जातिवीर, इस पर सेना का आया ये जवाब
अग्निवीर भर्ती योजना में जाति प्रमाण पत्र मांगने पर मचा है बवाल
द तथ्य डेस्क। अग्निवीर योजना की घोषणा के बाद से ही बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस भर्ती योजना में जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर बवाल खड़ा हो गया है। आम आदमी पार्टी के साथ ही विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया है। वहीं सेना ने इन आरोपों का खंडन करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि सेना में पहले से ही उम्मीदवारों से जाति और धर्म प्रमाण पत्र लिया जाता रहा है, अग्निपथ योजना में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है।
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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के अलावा अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने अग्निपथ योजना पर सवाल उठाते हुए केन्द्र की मोदी सरकार को घेरने का प्रयास जारी रखा हुआ है। आप पार्टी के सांसद संजय सिंह ने तो भर्ती प्रक्रिया से जुड़े आदेश को शेयर करते हुए लिखा था-मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है, क्या नरेन्द्र मोदी पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को सेना में भर्ती होने के काबिल नहीं मानते, भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है, मोदी आपको अग्निवीर बनाना है या जातिवीर!
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आप के सांसद के इस पोस्ट के बाद से ही भाजपा ने इसका तीखा पलटवार किया है। भाजपा सोशल मीडिया के प्रमुख अमित मालवीय ने संजय सिंह के आरोपों पर करारा जवाब देते हुए कहा- सेना ने 2013 में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में स्पष्ट किया था कि वह जाति, क्षेत्र और धर्म के आधार पर भर्ती नहीं करती है, प्रशासनिक सुविधा और परिचालन आवश्यकताओं के लिए एक क्षेत्र से आने वाले लोगों के समूह को एक रेजिमेंट में रखने को उचित ठहराती है। अमित मालवीय ने आगे लिखा- हर चीज के लिए पीएम मोदी को दोष देने की इस सनक का मतलब है कि संजय सिंह जैसे लोग हर दिन अपने पैर को मुंह में डालते हैं, सेना की रेजीमेंट प्रणाली अंग्रेजों के जमाने से ही अस्तित्व में है स्वतंत्रता के बाद इसे 1949 में एक विशेष सेना आदेश के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया था मोदी सरकार ने इसमें कुछ नहीं बदला है।
अग्निवीर भर्ती योजना को लेकर शुरू से ही असमंजस की स्थिति रही है। इस योजना की घोषणा के बाद से ही देश के कई राज्यों में जोरदार विरोध-प्रदर्शन हुआ था। देश के उत्तरप्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में तो रेल सुविधा तक को बाधित करने का प्रयास करते हुए युवाओं ने जोरदार विरोध दर्ज कराया था। वहीं विपक्षी दलों ने भी इस मौके का भरपूर फायदा उठाते हुए मोदी सरकार को घेरने का प्रयास किया था। बावजूद इसके इस योजना के लिए देश भर में लाखों युवाओं में दीवानगी देखी जा रही है।
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