• 18/09/2023

संसद का विशेष सत्र आज से, फिर नए भवन में एंट्री, 5 दिन के सत्र में कौन से विधेयक किए जाएंगे पेश, जानें बड़ी बातें

संसद का विशेष सत्र आज से, फिर नए भवन में एंट्री, 5 दिन के सत्र में कौन से विधेयक किए जाएंगे पेश, जानें बड़ी बातें

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संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र आज 18 सितंबर से शुरु हो रहा है। 22 सितंबर तक चलने वाले इस सत्र में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समेत 8 विधेयकों पर सदन में चर्चा होगी। इसके साथ ही संसद के 75 वर्ष के सफर पर भी चर्चा की जाएगी

वैसे तो सत्र की शुरुआत पुराने संसद भवन में होगी। लेकिन अगले दिन 19 सितंबर को सत्र की बैठक नए संसद भवन में होगी। इससे पहले पुराने संसद भवन में फोटो सेशन का कार्यक्रम होगा। उसके बाद सेंट्रल हॉल में एक समारोह आयोजित किया जाएगा।

सत्र के सूचीबद्ध मुख्य एजेंडे में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के प्रावधान वाले विधेयक को पारित कराने के लिए सूचबद्ध किया गया है। इसे राज्य सभा में पेश किया जा चुका है। इसके साथ ही लोकसभा के लिए सूचीबद्ध एजेंडे में अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023, प्रेस और पत्र-पत्रिका पंजीकरण विधेयक 2023 शामिल हैं। 3अगस्त 2023 को राज्यसभा से पहले ही पारित हो चुका है। इसके अलावा डाकघर विधेयक 2023 को भी लोकसभा की कार्यवाही में सूचीबद्ध किया गया है। यह विधेयक 10 अगस्त 2023 को राज्यसभा में पेश किया गया था।

इन सबके बीच चर्चा है कि महिला आरक्षण बिल भी इस सत्र में पेश कर सकती है। इस बिल के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित विधायिकाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जा सकता है।

इसके अलावा चर्चा इस बात की भी है कि सरकार इसी सत्र में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के साथ ही देश का नाम इंडिया की जगह भारत करने का भी प्रस्ताव ला सकती है।

इस विशेष सत्र में अपने-अपने सांसदों को उपस्थित रहने के लिए बीजेपी और कांग्रेस व्हिप जारी कर चुकी है। दोनों ही पार्टी ने अपने सांसदों को अहम विधेयकों पर चर्चा करने और पार्टी लाइन का समर्थन करने का निर्देश दे चुकी है।

17 सितंबर को केन्द्र सरकार ने विशेष सत्र के पहले एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इसमें शामिल दलों के नेताओं को प्रस्तावित सत्र में कामकाज की जानकारी दी गई। लेकिन कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर आशंका जताई है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपर सोशल मीडिया अकाउंट X पर संसद के विशेष सत्र के एजेंडे को साझा करते हुए कहा, “जो एजेंडा सामने आया है, उसमें कुछ भी नहीं है. इन सबके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक प्रतीक्षा की जा सकती है।”

उन्होंने कहा कि, “मुझे यकीन है कि विधायी हथगोले हमेशा की तरह आखिरी क्षण में फूटने के लिए तैयार हैं। परदे के पीछे कुछ और है।”