• 07/05/2024

बाघों के लिए खतरा बने कुत्ते.. नए वायरस ने बढ़ाई मुसीबत, अलर्ट हुआ वन विभाग

बाघों के लिए खतरा बने कुत्ते.. नए वायरस ने बढ़ाई मुसीबत, अलर्ट हुआ वन विभाग

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वैसे तो आमतौर पर बाघों से कुत्तों को खतरा होता है, लेकिन इन दिनों कुत्ते बाघों के लिए मुसीबत बन गए हैं। इसकी वजह एक वायरस है। जो कुत्तों में फैलता है। ऐसे में कोई बाघ या गुलदार इन कुत्तों का शिकार करता है तो उसे भी यह वायरस जकड़ सकता है।

देश में बाघों को कुत्तों से खतरा पैदा हो गया है। इसी खतरे को भांपते हुए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने देश के सभी टाइगर रिजर्व के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया है। जिसके तहत अब टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में रह रहे आवारा कुत्तों का टीकाकरण और बधियाकरण करने के निर्देश दिए गए हैं।

बाघों को बचाने की कवायद

बाघों को कुत्तों से सीधे तौर पर तो कोई खतरा नहीं है, लेकिन केनाइन डिस्टेंपर डिजीज नामक वायरस जो कुत्तों से फैलता है, यह बाघों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। कैनाइन डिस्टेंपर वायरस से बाघ और गुलदार को बचाने के लिए प्रोजेक्ट को सरकार से मंजूरी मिल गई है। अब जल्द ही कॉर्बेट पार्क से लगते लैंडस्केप क्षेत्रों में कुत्तों का टीकाकरण शुरू किया जाएगा।

तरनाक है कैनाइन वायरस

आवारा कुत्तों से जंगल में बाघ और गुलदार जैसे अन्य वन्यजीवों में कैनाइन डिस्टेंपर वायरस पहुंच सकता है। कुत्तों से सीडीवी बीमारी वन्यजीवों में ट्रांसमिट होती है। जब बाघ, गुलदार आदि उसका शिकार करते हैं तो वो खतरनाक वायरस उनमें पहुंच जाता है।

उत्तराखंड का कॉर्बेट पार्क पहला ऐसा पार्क है, जिसको इसको लेकर मंजूरी मिली है। कॉर्बेट पार्क और आसपास के क्षेत्र में रहने वाले आवारा कुत्तों को उनकी ओर से वैक्सीनेट करने की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी। उसके साथ एक डिजीज सर्विलांस प्रोटोकॉल भी शुरू किया जाएगा, ताकि बाघ में इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।