- 09/03/2023
CG के ये 3 IAS अदालत की अवमानना में फंसे, हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस
छत्तीसगढ़ में नौकरशाहों के द्वारा हाईकोर्ट की अवमानना किए जाने के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। एक और मामले में हाईकोर्ट ने 3 IAS अफसरों को अवमानना का नोटिस जारी किया है।
दरअसल बेमेतरा में प्रभारी सिविल सर्जन के पद पर पदस्थ डॉ वंदना भेले का ट्रांसफर 30 सितंबर 2022 को दुर्ग जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झीट में कर दिया गया था। तबादला आदेश के विरुद्ध डॉ वंदना भेले ने हाईकोर्ट की डिविजन बेंच के समक्ष रिट याचिका दायर की थी। जिस पर बेंच ने 4 सप्ताह के भीतर ट्रांसफर नीति के तहते मामले के निराकरण करने का निर्देश दिया था। लेकिन निर्धारित अवधि में हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने पर डॉ वंदना भेले ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की।
मामले में हाईकोर्ट के सामने अधिवक्ताओं द्वारा तर्क दिया गया कि डॉ. वंदना भेले वर्ष 2008 से स्त्री रोग विशेषज्ञ (प्रथम श्रेणी) के पद पर पदस्थ हैं। वो प्रथम श्रेणी पद पर पिछले 15 वर्ष से सेवा दे रही हैं इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता की सीनियरटी को बाईपास करते हुए जूनियर मेडिकल ऑफिसर (द्वितीय श्रेणी) के कई डाक्टर्स को प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (प्रथम श्रेणी) के पद पर पदस्थ किया गया जो कि छ.ग. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2015 एवं वर्ष 2019 में जारी स्थानांतरण नीति का घोर उल्लंघन है।
अधिवक्तागण द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि निर्धारित समयावधि में हाईकोर्ट के आदेश का पालन ना किये जाने से हाईकोर्ट में अवमानना याचिकाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिनकी सुनवाई में हाईकोर्ट का अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं कीमती समय व्यर्थ होता है। छत्तीसगढ़ शासन के अधीन कार्यरत आई.ए.एस एवं आई.पी.एस. अधिकारियों द्वारा लगातार हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना की जा रही है।
उच्च न्यायालय, बिलासपुर की डिवीजन बेंच द्वारा उक्त अवमानना याचिका की सुनवाई के पश्चात् मामले को गंभीरता से लेते हुए 03 (तीन) आई.ए.एस. अधिकारियों सचिव, स्थानांतरण समिति-मनोज पिंगुआ, सचिव, स्वास्थ्य विभाग- आर प्रसन्ना एवं अवर सचिव स्वास्थ्य विभाग- राजेन्द्र गौर को अवमानना नोटिस जारी कर तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।