• 01/06/2022

विधायकों का इंकम टैक्स सरकारी खजाने से भरने पर AAP ने उठाए सवाल, कहा- क्या सीएम व्यवस्था में करेंगे बदलाव

विधायकों का इंकम टैक्स सरकारी खजाने से भरने पर AAP ने उठाए सवाल, कहा- क्या सीएम व्यवस्था में करेंगे बदलाव

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रायपुर। विधायकों के इंकम टैक्स को सरकारी खजाने से भरे जाने के मामले में आम आदमी पार्टी ने सूबे की भूपेश सरकार पर सवाल उठाया है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश
अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा है कि क्या आपके विधायक आयकर देने में भी सक्षम नहीं हैं। आप ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि जनता के पैसों की ऐसी बर्बादी क्यों की जा रही है। बड़ी बड़ी गाड़ियों में घूमने वाले और इतनी सुविधाओं के भोगी जनता के विधायक अपना इनकम टैक्स भी जनता से भरवाए ये पूरी तरह गलत है। आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा है कि इन विधायकों को स्वयं का आयकर विधायकों को स्वयं ही भरने को आदेशित करें।

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छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश 7 ऐसे राज्य हैं जहां विधायक अपनी जेब से इंकम टैक्स नहीं देते बल्कि उन राज्यों की सरकारें जनता के टैक्स से वसूले हुए पैसों से सबका आयकर भरती है। छत्तीसगढ़ में भी सभी विधायकों का इनकम टैक्स राज्य सरकार भरती है। वर्ष 2000 से ही यह व्यवस्था लागू है।

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उन्होंने बताया कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की आय उसकी व्यक्तिगत आय है। इसमें मुख्यमंत्री, मंत्री या विधायक के पद पर मिलने वाली उसका वेतन भी शामिल है। अपनी निजी आय पर टैक्स भरने की जिम्मेदारी व्यक्तिगत होती है, इसे सरकारी खजाने से अदा नहीं किया जा सकता। यदि किसी भी पद पर आसीन व्यक्ति का आयकर सरकारी खजाने से भरा जा रहा है तो यह कानून और संविधान के खिलाफ है।

उत्तर प्रदेश में भी मंत्री वेतन, भत्ते और विविध कानून, 1981′ के तहत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के इनकम टैक्स का भुगतान 2019 तक राजकीय कोष से किया जाता रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री वीपी सिंह के कार्यकाल में बने इस कानून से अब तक 19 मुख्यमंत्री और करीब हजार मंत्री लाभान्वित हुए हैं। लेकिन 2019 में उत्तरप्रदेश में व्यवस्था बदल दी।

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वहीं हिमाचल प्रदेश में भी हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले पर जवाब मांगा था। तब जाकर राज्य सरकार ने अप्रैल 2022 में कैबिनेट में फैसला लिया है कि अब वेतन पर टैक्स खुद विधायको और मंत्रियों को देना होगा तो ऐसा बदलाव छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं किया जा रहा है?

कोमल हुपेंडी ने कहा कि आम आदमी पार्टी जनता के टैक्स के पैसे से इस तरह विधायकों का आयकर भरने का विरोध करती है और क्या प्रदेश के मुखिया इस व्यवस्था को बदलने की हिम्मत करेंगे?