• 23/10/2023

ED ने छत्तीसगढ़ में एक और घोटाले का किया खुलासा, छापे में मिली नगदी और दस्तावेज

ED ने छत्तीसगढ़ में एक और घोटाले का किया खुलासा, छापे में मिली नगदी और दस्तावेज

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में एक और कथित घोटाले का पर्दाफाश किया है। ईडी ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में कस्‍टम राइस मिलिंग प्रोत्‍साहन में घोटाले का आरोप लगाया है। ईडी ने आरोप लगाया है कि मार्कफेड के पूर्व एमडी और राइस मिल एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने ‘उच्च पदों पर बैठे लोगों’ के लिए 175 करोड़ की रिश्वत ली।

ईडी ने बयान जारी कर कहा कि मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर, डीएमओ, राइस मिलर्स के ठिकानों पर 20 और 21 अक्टूबर को तलाशी ली। जिसमें कस्टम राइस मिलिंग प्रोत्साहन घोटाले में सांठगांठ सामने आई।

ईडी ने कहा कि आयकर विभाग द्वारा कोर्ट में दायर की गई एक शिकायत के आधार पर जांच शुरु की। जिसमें यह आरोप था कि छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलर्स एसोसिएशन के अधिकारी मिलर्स के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (मार्कफेड) के अधिकारियों के साथ मिलकर एक साजिश रचे थे कि विशेष प्रोत्साहन का दुरुपयोग करके करोड़ों रुपए की घूस कमाई जाई।

ईडी ने कहा कि खरीफ वर्ष 2021-22 तक, प्रति क्विंटल धान के कस्टम मिलिंग के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 40 रुपये का एक विशेष प्रोत्साहन दिया गया था और बाद में इसे अत्यधिक रूप से बढ़ा दिया गया था। बाद में इसे प्रति क्विंटल धान के लिए 120 रुपये तक बढ़ा दिया गया था, जिसे बाद में 60 रुपये की दो किस्तों में भुगतान किया गया।

छत्तीसगढ़ स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन के कार्यालय के अधिकारियों ने अपने कोषाध्यक्ष रोशन चंद्रकार की नेतृत्व में, मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी के साथ मिलकर, प्रत्येक क्विंटल चावल की मिलिंग के माध्यम से चावल के मिलर्स से प्रति क्विंटल रुपये 20/- रुपये की घूस जमा करना शुरू कर दिया।

जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन ने जो धन राशि भुगतान की है, उन चावल के मिलर्स के विवरण को संबंधित जिले के विपणन अधिकारी (DMO) को भेजा गया है।

ईडी का आरोप है कि चावल मिलर्स के बिल प्राप्त होने पर डीएमओ ने संबंधित जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन से प्राप्त विवरण के साथ उनकी जांच की और फिर यह जानकारी मार्कफेड के मुख्य कार्यालय को दे दी गई।

ईडी का आरोप है कि केवल उन चावल मिल मालिकों के बिलों को मार्कफेड के एमडी द्वारा भुगतान के लिए मंजूरी दे दी गई, जिन्‍होंने एसोसिएशन को नकद राशि का भुगतान किया।

ईडी की जांच में पता चला कि विशेष भत्ते में 40 रुपये से 120 रुपये प्रति क्विंटल के इजाफे के बाद 500 करोड़ रुपये का भुगतान जारी किया गया, जिसमें 175 करोड़ रुपये की ‘रिश्‍वत’ थी, जिसे रोशन चंद्राकर ने मार्कफेड एमडी मनोज सोनी की सक्रिय सहायता से “उच्च शक्तियों” के लाभ के लिए एकत्र किया था।

ईडी ने आगे कहा कि उसने छापेमारी के दौरान 1.06 करोड़ रुपये की राशि के “आपत्तिजनक” दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और “बेहिसाब नकदी” जब्त की गई है।