- 19/12/2022
BIG BREAKING: CM भूपेश के खिलाफ लगे ‘वापस जाओ’ के नारे, भाषण के दौरान युवाओं का प्रदर्शन, मचा हड़कंप… जानिए क्या कहा बघेल ने, देखिए VIDEO
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिला से बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। गुरुघासीदास जयंती के कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विरोध में जमकर नारे लगे। प्रदर्शन करने वालों ने भूपेश बघेल वापस जाओ के नारे लगाए।
मुंगेली में उस वक्त अजीब स्थिति पैदा हो गई जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुघासीदास जयंती कार्यक्रम में अपना भाषण दे रहे थे और मंच के सामने दर्शक दीर्घा में मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगने लगे।
16 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग
दरअसल मुख्यमंत्री वापस जाओ का नारा लगा रहे युवक आरक्षण की मांग को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। हाथों में तख्तियां लेकर पहुंचे युवाओं ने सतनामियों को ठगना बंद करो, 16 प्रतिशत आरक्षण देना होगा, भूपेश बघेल वापस जाओ के नारे लगा रहे थे। सीएम के भाषण के दौरान नारे लगते देख पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए।
सीएम ने अधिकारियों से की अपील
आनन-फानन में अधिकारियोंं और पुलिस की टीम सभा और दर्शक दीर्घा के बीच लगे बैरिकेड को फांदकर पहुंची और नारेबाजी करने वाले युवाओं को खदेड़ा। हालांकि मुख्यमंत्री लगातार युवाओं से बातचीत के लिए उन्हें मंच पर लाए जाने की बात कहते रहे। मंच से मुख्यमंत्री कहते रहे कि वे अपने ही हैं, उनको रोको मत.. मंच पर आने दो।
सोमवार को मुंगेली में गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। मुख्यमंत्री के अलावा मंच में नगरीय प्रशासन विकास एवं श्रम मंत्री शिव कुमारे डहरिया भी मौजूद थी।
आपको बता दें 19 सितंबर को हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में आरक्षण पूरी तरहे से खत्म हो गया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए 58 फीसदी आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। जिसके बाद से प्रदेश में आरक्षण का कोई भी रोस्टर लागू नहीं है।
अनूसचित जाति में है नाराजगी
आरक्षण का कोटा कम किए जाने से अनुसूचित जाति में सरकार को लेकर नाराजगी है। समाज के लोग सरकार से 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। जबकि सरकार द्वारा 1 और 2 दिसंबर को विधानसभा के विशेष सत्र में पारित कराए गए नए विधेयक में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 13 प्रतिशत आरक्षण रखा गया है। वहीं ओबीसी का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशथ कर दिया गया है। इसके साथ ही ईडब्ल्यूएस के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान रखा गया है।
विधेयक को राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया है। लेकिन राज्यपाल ने विधेयक पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं। राज्यपाल ने विधेयक को लेकर राज्य सरकार से 10 सवाल पूछे हैं। जिसके बाद ही उन्होंने हस्ताक्षर के लिए कहा है।