• 21/07/2022

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के साथ यूजीसी व दो निजी विश्वविद्यालयों को भेजा नोटिस, ये है कारण…

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के साथ यूजीसी व दो निजी विश्वविद्यालयों को  भेजा नोटिस, ये है कारण…

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बिलासपुर/रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने निजी विश्वविद्यालयों द्वारा फर्जी मार्कशीट वितरित करने के एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए  इसे गंभीर माना है।  मामले में राज्य सरकार के साथ ही यूजीसी, एआईसीटीई,छत्तीसगढ़ प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेरिटी कमीशन के अलावा दो यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने कहा है। राजधानी रायपुर के एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने इस गंभीर मुद्दे पर याचिका लगाई है।

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राजधानी रायपुर के आरटीआई एक्टिविस्ट की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका में बताया गया कि राजधानी रायपुर से संचालित दो विश्वविद्यालय में बिना एडमिशन के फर्जी तरीके से मार्कशीट बांटने का काम चल रहा है। याचिका में बताया गया कि इस काम में दोनों विश्वविद्यालय के प्रबंधन भी शामिल हैं, उनकी मिलीभगत के बिना यह गोरखधंधा नहीं चल सकता। उन्होंने सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारियों का हवाल देते हुए हाईकोर्ट में बताया कि सजा काट रहे एक कैदी को भी विश्वविद्यालय की ओर से मार्कशीट प्रदान किया गया है। इस मामले में बंदी बलराम साहू को 29 जनवरी 2014 को सजा हुई थी।

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उसे 14 अगस्त 2019 को जेल से छोड़ा गया। जेल से बाहर निकलने के पहले ही विश्वविद्यालय की ओर से उसे डीसीए का प्रमाण पत्र 29 अगस्त 2018 को दे दिया गया जिसमें वह प्रथम श्रेणी में पास भी हो गया। इस गंभीर मुद्दे पर उन्होंने शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुआ। इसके बाद वह हाईकोर्ट की शरण में आया है। आरटीआई एक्टिविस्ट ने कहा कि इस तरह के कामों से प्रदेश के शि क्षा व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी है। उन्होंने फर्जी डिग्री बांटने वाले निजी विश्वविद्यालयों को बंद करने तथा दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की है।

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