• 12/11/2022

राजीव गांधी हत्याकांड के सभी दोषी जेल से रिहा होने पर CM भूपेश का बयान, कहा- हत्यारों को समय से पहले रिहा किया गया

राजीव गांधी हत्याकांड के सभी दोषी जेल से रिहा होने पर CM भूपेश का बयान, कहा- हत्यारों को समय से पहले रिहा किया गया

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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को रिहा करने के आदेश पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी बयान सामने आया है. भूपेश बघेल ने कहा कि राजीव गांधी के हत्यारों को समय से पहले रिहा किया गया है. भूपेश बघेल ने कहा कि इसके बारे में हमारे राष्ट्रीय प्रवक्ता जयराम रमेश का बयान आया है. उन्होंने इसकी आलोचना की है कि इनको छूटना नहीं चाहिए था.

दरअसल, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सभी 6 दोषी जेल से रिहा हो गए. सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी और रविचंद्रन सहित सभी दोषियों की रिहाई का आदेश दिया था. जिसके कुछ घंटे बाद ही सभी जेल से बाहर आ गए.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को एक दोषी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया था.  इसी आदेश का हवाला देते हुए बाकी के दोषियों ने उच्चमत न्यायालय में याचिका दाखिल कर रिहाई की मांग की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को इसी केस में दोषी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था. बाकी दोषियों ने भी उसी आदेश का हवाला देकर कोर्ट से रिहाई की मांग की थी. नलिनी और रविचंद्रन दोनों 30 साल से ज्यादा का वक्त जेल में गुजार चुके हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के मामले में ट्रायल कोर्ट ने इस पूरे हत्याकांड की शामिल 26 लोगों को दोषी करार दिया था और उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई थी. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साल 1999 में 19 लोगों को बरी कर दिया था. जिसमें कि 4 दोषियों नलिनी, मुरुगन, संथन और पेरारिवलन की फांसी की सजा बरकरार रखी थी. वहीं तीन दोषियों रविचंद्रन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था.

मृत्युदंड पाए चारों दोषियों की याचिका पर तमिलनाडु के राज्यपाल ने नलिनी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था. बाकी  के तीनों दोषियों की दया याचिका को साल 2011 में राष्ट्रपति ने ठुकरा दिया था.

आपको बता दें 21 मई साल 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान लिट्टे के आत्मघाती हमलावर ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. लिट्टी की महिला आतंकी ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छुए और झुकते हुए कमर पर बंधे विस्फोटकों को ब्लास्ट कर दिया था. इस हमले में राजीव गांधी और हमलावर सहित 16 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 45 गंभीर रुप से घायल हुए थे.