• 30/10/2022

कश्यप के बयान पर कांग्रेस के विवादित बोल, बीजेपी नेताओं के पूर्वजों को बताया अंग्रेजों की पैदाइश, कहा- अग्रेजों ने अपनी चरण वंदना के लिए ही किया था पैदा 

कश्यप के बयान पर कांग्रेस के विवादित बोल, बीजेपी नेताओं के पूर्वजों को बताया अंग्रेजों की पैदाइश, कहा- अग्रेजों ने अपनी चरण वंदना के लिए ही किया था पैदा 

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रायपुर। आदिवासी आरक्षण को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। बीजेपी नेता केदार कश्यप ने कांग्रेस की तुलना अंग्रेजों से करते हुए कहा कि कांग्रेस अंग्रेजों की तरह समाज में फूट डालो और राज करो की नीति पर काम कर रही है। जिस पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने बीजेपी नेताओं के पूर्वजों को अग्रेजों की पैदाइश बताया है।

कांग्रेस मीडिया प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कौन अंग्रेजो की पैदाइश है सारा देश जनता है। केदार कश्यप इतिहास के पन्नो को उठा के देख ले पता चल जाएगा कि भाजपा के पूर्वजों को अंग्रेजों ने पैदा ही अपनी चरण वंदना के लिए किया था और भाजपा का पितृ संगठन हिन्दुमहा सभा आजादी की लड़ाई के दौरान मुस्लिम लीग के साथ मिल कर अंग्रेजो की चाटुकारिता करना एवं आजादी की लड़ाई के आंदोलन के खिलाफ षड्यंत्र करता था।

कांग्रेस संचार प्रमुख आनंद शुक्ला ने आदिवासियों का आरक्षण कम होने का ठीकरा तत्कालीन बीजेपी की रमन सरकार पर फोड़ते हुए कहा कि आदिवासियों का आरक्षण रमन सरकार द्वारा  हाई कोर्ट में जानबूझ कर बरती गई लापरवाही के कारण कम हुआ है। रमन सरकार ने कोर्ट के समक्ष आरक्षण को बढ़ाने के तमाम तर्क संगत कारणों को नहीं रखा। यहाँ तक कि आरक्षण बढ़ाने के लिए बनाई गई कमेटियों की सिफारिशों को भी रमन सरकार ने कोर्ट से छुपाया। जिसके कारण कोर्ट ने आरक्षण को रद्द किया।

उन्होंने कहा कि रमन सरकार ने जब आरक्षण की सीमा को 50 से बढ़ा कर 58 किया तब उस समय अनुसूचित जाति के आरक्षण में 4 प्रतिशत की कटौती करने के बजाय 58 की सीमा को 4 प्रतिशत और बढ़ा कर 62 कर देना था। ऐसे में हर वर्ग संतुष्ट रहता और कोई भी कोर्ट नहीं जाता। अनुसूचित जाति के लोग अपने 4 प्रतिशत आरक्षण की कटौती के खिलाफ कोर्ट गए थे। वे लोग किसी वर्ग का आरक्षण कम करवाने नहीं गए थे। भाजपा गलत बयानी कर प्रदेश में वर्ग संघर्ष करवाने का षड्यंत्र कर रही है।

शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार आदिवासी समाज को 32 प्रतिशत आरक्षण देने को प्रतिबद्ध है। सरकार हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा है जरूरत पड़ने पर विशेष सत्र बुला कर संवैधानिक मार्ग तलाशा जाएगा।

दरअसल शनिवार को निगम मंडल में हुई नियुक्ति को लेकर बीजेपी ने एक प्रेसवार्ता की थी। जिसमें खांडे को अऩुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने का बीजेपी के आदिवासी नेताओं केदार कश्यप, विक्रम उसेंडी, लता उसेंडी और विकास मरकाम ने विरोध किया था। केदार कश्यप ने कहा कि आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण के विरोध में हाईकोर्ट में लगी याचिकाओं में खांडे भी एक याचिकाकर्ता थे। इस दौरान कश्यप ने कहा था कि कांग्रेस सरकार अंग्रेजों की तरह फूट डालो राज करो की नीति के तहत अऩुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति को लड़ाने का कार्य कर रही है।

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