- 11/03/2024
भोजशाला मंदिर या मस्जिद, सच आएगा बाहर, हाईकोर्ट ने ASI सर्वे का दिया आदेश
मध्य प्रदेश के धार में स्थित भोजशाला हिन्दू मंदिर था या फिर मस्जिद। अब जल्दी ही इसका सच बाहर आएगा। काशी की ज्ञानवापी की तरह ही मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने धार भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वे का ASI को आदेश दिया है। इसके लिए 5 सदस्यीट टीम गठित करने के निर्देश दिया है। आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को सर्वे का काम 6 सप्ताह के भीतर पूरा करना है। हाईकोर्ट ने हिन्दू पक्ष की ओर से 19 फरवरी को इस मामले की सुनवाई की थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ की याचिका पर कोर्ट का यह फैसला आया है।
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हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि परिसर का ज्ञानवापी की तर्ज सर्वे कराया जाए। कोर्ट ने पूरे सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने का भी आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने भोजशाला के GPR-GPS तरीके से सर्वे के लिए कहा है। GPR (ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार) का मतलब होता है जमीन के अंदर विभिन्न स्तरों जांच करना। इसमें राडार का उपयोग किया जाता है। इस कारण इस तकनीकि से जमीन के अंदर की वस्तुओं के विभिन्न स्तर, रेखाओं और आकार को माप लिया जाता है।
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क्या है भोजशाला विवाद
भोजशाला को लेकर हिन्दू और मुस्लिम दोनों पक्ष इस पर अपना-अपना दावा करते हैं। हिन्दुओं इसे वाग्देवी (माता सरस्वती) का मंदिर बताते हैं वहीं मुस्लिम पक्ष इसके कमल मौला मस्जिद होने का दावा करते हैं। भोजशाला में शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष को नमाज पढ़ने के लिए दोपहर एक से तीन बजे तक प्रवेश दिया जाता है। वहीं मंगलवार को हिंदू पक्ष को पूजा-अर्चना करने की अनुमति है। इसके अलावा वसंत पंचमी पर यहां हिन्दू पक्ष को पूरा दिन सरस्वती पूजा और हवन करने की अनुमति है।
राजा भोज ने बनवाई थी
राजा भोज द्वारा धार की भोजशाला बनवाई गई थी। जिला प्रशासन की वेबसाइट के अनुसार यह एक यूनिवर्सिटी थी, जिसमें वाग्देवी (माता सरस्वती) की प्रतिमा स्थापित की गई थी। बाद में मुस्लिम शासक ने इसे मस्जिद में तब्दील कर दिया था। इसके अवशेष प्रसिद्ध मौलाना कमालुद्दीन मस्जिद में भी देखे जा सकते हैं। यह मस्जिद भोजशाला के कैंपस में ही स्थित है जबकि देवी प्रतिमा लंदन के म्यूजियम में रखी है।