• 16/12/2023

‘इरादा अपराध का नहीं था, माफ कर दें’, शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से की गुजारिश

‘इरादा अपराध का नहीं था, माफ कर दें’, शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से की गुजारिश

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मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दो छात्रों ने एक बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए जज की कार छीन ली थी। मामले में पुलिस ने दोनों छात्रों को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों छात्र एबीवीपी के कार्यकर्ता भी हैं। अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिख कर दोनों छात्रों के लिए माफी की मांग की है।

22 वर्षीय हिमांशु श्रोत्रिय एबीवीपी ग्वालियर के सचिव हैं और 24 वर्षीय सुकृत शर्मा उप सचिव के पद पर हैं। जानकारी के मुताबिक कुलपति रणजीत सिंह को हार्ट अटैक आने से उनकी तबियत बिगड़ गई थी। दोनों ने कुलपति की जान बचाने के लिए ग्वालियर रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी जज की कार की चाबी ड्राइवर से छीन ली थी। जिसके बाद वे कुलपति को कार से अस्पताल ले गए लेकिन देरी हो जाने की वजह से उनकी मौत हो गई थी। कार छीनने को लेकर दोनों छात्रों के ऊपर पुलिस ने डकैती का केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को  दोनों छात्रों की जमानत याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी। दोनों न्यायिक हिरासत में हैं।

विशेष न्यायाधीश संजय गोयल ने छात्रों को जमानत देने से इनकार कर दिया। पुलिस केस डायरी का हवाला देते हुए न्यायाधीश गोयल ने बुधवार को यह भी कहा कि उस समय तक एक एम्बुलेंस वहां पहुंच चुकी थी। अदालत ने कहा, किसी बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस उपयुक्त वाहन है।

इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने छात्रों की गलती के लिए माफी मांगी। पत्र में उन्होंने कहा, “चूंकि यह पवित्र उद्देश्य के लिए किया गया एक अलग तरह का अपराध है और जीवन बचाने के लिए मानवीय आधार पर किया गया है, इसलिए यह माफ करने लायक है. हिमांशु श्रोत्रिय और सुकृत शर्मा का इरादा अपराध करने का नहीं था। इसलिए उनके भविष्य को देखते हुए उन्हें माफ कर दें।”