• 28/11/2023

उत्तरकाशी से खुशखबरी 2 से 3 मीटर ही दूर, मजदूरों को अस्पताल पहुंचाने ग्रीन कॉरीडोर का काम पूरा

उत्तरकाशी से खुशखबरी 2 से 3 मीटर ही दूर, मजदूरों को अस्पताल पहुंचाने ग्रीन कॉरीडोर का काम पूरा

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित सिलक्यारा टनल में पिछले 16 दिनों से फंसे मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए महज 2 से 3 मीटर की दूरी ही बची है। किसी भी क्षण ड्रिलिंग पूरी हो सकती है। मजदूरों को जल्दी ही अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाने का भी काम पूरा हो गया है।

अमेरिकी ऑगर मशीन फेल होने के बाद अब मैनुअली ड्रिलिंग का काम किया जा रहा है। रैट माइनर्स मलबे में खुदाई के काम में लगातार लगे हुए हैं। बताया जा रहा है कि अब महज 2 से 3 मीटर की खुदाई का काम ही बचा है। अब किसी भी वक्त खुशखबरी आ सकती है।

क्या है रैट माइनिंग?

संकरी जगहों पर मशीनें और भारी उपकरण ले जाना संभव नहीं होता। लिहाजा हाथों से ही धीरे-धीरे खुदाई की जाती है। इसे ही रैट माइनिंग कहा जाता है। इस तरह की खुदाई में पाइपलाइन में दो लोगों को भेजा जाता है। सामने वाला व्यक्ति खुदाई करते हुए आगे का रास्ता बनाता। वहीं दूसरा व्यक्ति मलबे को ट्रॉली में भरता है। चार लोग मलबे से भरी ट्रॉली को बाहर खींचते हैं। पहली टीम के थकने के बाद इस काम में दूसरी टीम को लगाया जाता है। कोयला और अन्य खदानों में पहले इसी तरह से खुदाई की जाती थी।