• 08/05/2024

लिव इन रिलेशन को लेकर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, इस धर्म को मानने वाले लोग नहीं कर सकते दावा

लिव इन रिलेशन को लेकर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, इस धर्म को मानने वाले लोग नहीं कर सकते दावा

Follow us on Google News

लिव इन रिलेशनशिप को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। इस्लाम धर्म को मानने वाला कोई भी शख्स लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का दावा नहीं कर सकता है, क्योंकि मुसलमान जिस रीति-रिवाज को मानते हैं, वह उन्हें लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का अधिकार नहीं देता है। खासकर तब, जब पहले से उसकी कोई जीवित जीवनसंगिनी हो।

दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीतें दिनों मुस्लिम युवक की एक याचिका पर सुनवाई की, जिसमें यह कहा गया था कि वह पहले से शादीशुदा है। उसकी एक बेटी भी है। इसके बावजूद वह लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहता था। हालांकि उसकी पत्नी को इससे कोई एतराज नहीं था। याचिकाकर्ता द्वारा लिव इन रिलेशनशिप के​ रिश्ते को वैध बनाने के लिए ही याचिका लगाई गई थी।

जस्टिस अताउर्रहमान मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने कहा कि जब किसी नागरिक के वैवाहिक स्थिति की व्याख्या पर्सनल लॉ और संवैधानिक अधिकारों यानी दोनों कानूनों के तहत की जाती है, तब धार्मिक रीति-रिवाजों को भी समान महत्व दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि सामाजिक और धार्मिक रीति-रिवाज एवं प्रथाएं और संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त कानून जिन्हें सक्षम विधानमंडल द्वारा बनाया गया है, दोनों के स्रोत समान रहे हैं।