- 27/08/2023
सिर पर पगड़ी और कमर पर कृपाण, रेस्टोरेंट में सिख युवक को No Entry
हरियाणा में एक सिख युवक को रेस्टोरेंट में एंट्री करने से इसलिए रोक दिया गया क्योंकि वह अपने साथ कृपाण रखे हुए थे। युवक ने सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर कर पूरी घटना की जनकारी दी। मामले में अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कार्रवाई की मांग की है।
घटना गुरुग्राम के डीएलएफ फेस 1 के पास स्थित जलसा रेस्टोरेंट का बताया जा रहा है। हरतीरथ सिंह अहलूवालिया नाम के एक युवक ने बताया कि उसे भूख लगी थी तो वह मोमोज खाने के लिए जलसा रेस्टोरेंट चला गया। गेट पर खड़े एक व्यक्ति ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। उस व्यक्ति का कहना था कि युवक कृपाण के साथ अंदर नहीं जा सकता। अगर उसे अंदर जाना होगा तो उसे कृपाण उतारना होगा।
वहां मौजूद हिंदू युवक ने रोकने वाले व्यक्ति को बताया भी कि कृपाण सिख धर्म की निशानी है और इसे उतार नहीं सकते। कृपाण धारण करने के लिए होता है और उसका ब्लेड तीखा भी नहीं होता। बावजूद सिख युवक को अंदर जाने नहीं दिया गया।
इतने में पास से गुजर रहे एक हिंदू युवक ने भी बताया कि यह सिख धर्म की निशानी है और इसे उतार नहीं सकते। यह किरपान धारण करने के लिए होती है और इसका ब्लेड भी तीखा नहीं होता। इसके बावजूद उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया।
हरतीरथ ने ट्वीट कर कहा कि पिछली रात जलसा में मैं मोमोस खाने गया था। लेकिन मैं वहां जाकर हैरान रह गया। उन्होंने मेरे कृपाण की वजह से मुझे एंट्री ही नहीं दी। मैं हैरान हूं कि 21वीं सदी में भी लोग इस तरह से भेदभाव करते हैं।
ट्वीट में आगे ये भी लिखा गया कि भारत का संविधान अधिकार देता है कि मैं कृपाण रख सकूं। कुछ अनजान लोगों ने तो मेरा समर्थन भी किया। मुझे बाद में एंट्री तो मिली, लेकिन खाना नहीं मिल पाया।
वीडियो वायरल होने के बाद अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल ने मामले में कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कृपाण पहनने के कारण एक गुरसिख को गुड़गांव के एक रेस्टोरेंट में प्रवेश से वंचित किए जाने की परेशान करने वाली खबरें सिख धर्म के आस्था के प्रतीकों के बारे में समाज को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता की ओर इशारा करती हैं। ऐसे कृत्य निंदनीय है और अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना पैदा करते हैं। मैं आग्रह करता हूं गृह मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करे कि ऐसे कृत्य दोबारा न हो।