• 19/08/2022

गणेश पूजा पर गाइडलाइन जारी, नदियों में नहीं होगा प्रतिमाओं का विसर्जन, डीजे को लेकर भी निर्देश जारी, जानिए क्या है आदेश में

गणेश पूजा पर गाइडलाइन जारी, नदियों में नहीं होगा प्रतिमाओं का विसर्जन, डीजे को लेकर भी निर्देश जारी, जानिए क्या है आदेश में

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छत्तीसगढ़ में गणेशोत्सव की तैयारियों जोरों पर है। प्रदेश में गणेशोत्सव को लेकर राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणेश प्रतिमा और उसके विसर्जन को लेकर सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देशों के आधार पर त्यौहार में व्यवस्थाएं बनाए जाने का निर्देश दिया गया है। नदियों को प्रदूषण से बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने साफ-साफ कहा है कि किसी भी नदी में मूर्तियों का विसर्जन नहीं किया जाएगा। इसके लिए अलग से व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही ध्वनि प्रदूषण को लेकर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने गाइडलाइन को लेकर हर जिले के कलेक्टरों को पत्र लिखा है।

पत्र में उल्लेखित है कि तीज, गणेश विसर्जन, दुर्गा पूजा, पितृमोक्ष- अमावस्या एवं अन्य त्यौहारों के लिए सार्वजनिक आयोजनों हेतु तालाबों / घाटों पर साफ-सफाई की व्यवस्था, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, फागिंग, शुद्ध पेयजल आदि की समुचित व्यवस्था की जावे। गणेश विसर्जन, दुर्गा पूजा एवं अन्य सार्वजनिक त्यौहारों के अवसर पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल एवं राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन किया जावे। तालाबों / घाटों पर विसर्जन के पूर्व पूजन सामग्री को अलग-अलग कर उपयुक्त स्थल पर रखा जावे।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देशानुसार नदी में मूर्तियों का विसर्जन किसी भी परिस्थिति में न किया जावे तथा नदी के जल को दूषित होने से बचाया जावे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देशानुसार ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण रखने हेतु जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक कार्यवाही की जावे । प्लॉस्टर ऑफ पेरिस तथा अन्य प्रतिबंधित सामग्री से बनी मूर्तियों के निर्माण को रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जावे।

आयोजन स्थलों के समीप यथा संभव मोबाईल मेडिकल यूनिट की व्यवस्था की जावे । मूर्ति विसर्जन हेतु रूट का चयन न्यूनतम यातायात बाधा के आधार पर किया जावे। आयोजन स्थलों पर आवश्यक प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे । संपूर्ण शहर में आवारा मवेशियों को पकड़कर कांजी हाऊस में भेजा जावे, जिससे यातायात व्यवस्था सुगम बनी रहे । जनमानस की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जावे, जिससे शहरों में सार्वजनिक उत्सवों का आयोजन हर्षोउल्लास एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में किया जा सके।

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